आतंकी मसूद अजहर पर चीन ने लगाया अड़ंगा, भारत ने बोला- हम करेंगे धैर्य का प्रदर्शन
जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर ( Photo Credit: ANI )

नई दिल्ली: भारत के साथ ही अमेरिका, फ्रांस और दूसरे अन्य देश जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर (Masood Azhar) को वैश्विक आतंकी घोषित करना चाहते है. लेकिन चीन ने बुधवार को आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के मामले पर वीटो का इस्तेमाल करके रोड़ा अटकाया. चीन का कहना था कि उसे थोड़ा समय चाहिेए ताकि ऐसा फैसला लिया जाए जो सभी को मंजूर हो. चीन के इस रवैये के बाद सूत्रों के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि भारत- चीन के इस हरकत को लेकर काफी नाराज है. इसके बाद भी वह इस मुद्दे पर अपने संयम का प्रदर्शन करेगा. बता दें कि भारत के पास 14 सदस्यों का मजबूत समर्थन है.

खबरों की माने तो भारत सरकार की तरफ से ऐसा कहा जा रहा है कि जब तक हो सकेगा वह धैर्य का प्रदर्शन करेगा. क्योंकि भारत इस बात को लेकर आशावादी हैं कि मसूद अजह र को सूचीबद्ध किया जाएगा. पूरा देश जनता है कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें चीन को पाकिस्तान के साथ सुलझाना है. यह भी पढ़े: भारत से पंगा लेना चीन को पड़ रहा है भारी, मसूद अजहर से प्यार के चलते दुनियाभर में हो रही है किरकिरी

अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड चीन को मनाने में लगे

आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ गहन ‘‘सद्भावना’’ वार्ता कर रहे हैं, ताकि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर कोई ‘‘समझौता’’ किया जा सके. इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव की भाषा को लेकर भी चीन से बातचीत कर रहे हैं.

चीन ने चौथी बार लगाया अड़ंगा

चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को बुधवार को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था. इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था.

पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव

बता दें कि इन तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था. इस हमले में सीआरपीएस के 40 जवान शहीद हो गए थे. मामले के जानकार लोगों के अनुसार, यदि इस प्रयास के बावजूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीन स्थायी सदस्य इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा में पेश करने की योजना बना रहे हैं.