
नई दिल्ली: भारत ने आतंकियों को जो चोट दी पाकिस्तान अब उसपर मरहम लगाने की कोशिश कर रहा है. 7 मई को भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके के कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इनमें सबसे बड़ा निशाना था जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर स्थित "जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह". इस हमले में खुद आतंकी मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए, जिनमें उसकी बड़ी बहन, बहनोई, भतीजा-भतीजी और उनके मासूम बच्चे शामिल थे.
भारत ने आतंकी मसूद अजहर को जो गहरे जख्म दिए हैं उसपर अब आतंक का गढ़ पाकिस्तान मुआवजे का मरहम लगाने को तैयार बैठा है. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अब अपने मुल्क की आवाम का पैसा आतंकियों पर लुटाने जा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी की पाक सरकार मसूद अजहर को 14 करोड़ देने वाली है.
इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए थे. वहीं, पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारतीय हमलों में मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए (10 मिलियन PKR) का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
मसूद अजहर को मिलेंगे पाकिस्तान सरकार देगी 14 करोड़
भारतीय मिसाइल हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों को पाकिस्तान सरकार ने एक करोड़ रुपये (10 मिलियन PKR) प्रति व्यक्ति का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसी क्रम में अब मसूद अजहर को उसके मारे गए 14 परिजनों के नाम पर कुल 14 करोड़ रुपये दिए जाने की बात सामने आई है.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि मसूद खुद को इन 14 मृतकों का 'कानूनी उत्तराधिकारी' घोषित करता है, तो वह इस पूरे मुआवजे का हकदार बन जाएगा.
मरने वालों में कौन-कौन था?
मसूद अजहर ने खुद स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए उसके परिवार के सदस्यों में शामिल थे: बड़ी बहन और उनके पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और उसके 5 बच्चे, करीबी सहयोगी, उसकी मां और दो अन्य साथी. इस प्रकार कुल 14 लोग मारे गए और उसी आधार पर 14 करोड़ का मुआवजा बनता है.
आतंकवाद को इनाम?
भारत के रक्षा विशेषज्ञों और सुरक्षा एजेंसियों ने इस कदम पर गंभीर सवाल उठाए हैं. "एक ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई की बात करता है, वहीं दूसरी ओर UN द्वारा घोषित ग्लोबल टेररिस्ट मसूद अजहर को सरकारी फंड से करोड़ों रुपये देने की तैयारी करता है." इससे साफ संदेश जाता है कि पाकिस्तान अब भी आतंक के साथ 'सॉफ्ट कॉर्नर' बनाए हुए है और आतंकियों को “शहीद” मानता है.
मसूद अजहर: वह आतंकी जो 1999 से भारत के निशाने पर है
मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे 1999 में IC-814 विमान अपहरण के बाद भारतीय यात्रियों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था. इसके बाद से उसने: 2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला, 2019 में पुलवामा आत्मघाती हमला जैसी कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. 2019 में UN ने उसे 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित किया था.