
हाल ही में दक्षिण कोरिया में "अंडर 15" शो को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा. आरोप लगा कि शो में बच्चों को अगला 'के-पॉप स्टार' बनाने के नाम पर एडल्ट कलाकारों की तरह प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.दक्षिण कोरिया में मार्च में आयोजित हुए "अंडर 15" के-पॉप ऑडिशन शो को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है. आलोचक इसमें बच्चों के 'सेक्शुअलाइजेशन' यानि यौन आकर्षण की चीज के रूप में पेश करने की निंदा कर रहे हैं. ऐसे विरोध के चलते शो के निर्माताओं को तय समय पर प्रसारण के कुछ ही समय पहले शो को रद्द करना पड़ा.
28 मार्च को इसकी निर्माता क्रेआ स्टूडियो प्रोडक्शन कंपनी ने बयान दिया, "गहरे विचार-विमर्श के बाद हमने यह निर्णय लिया है कि इसे रद्द करना ही ठीक रहेगा. इस वक्त प्रतिभागियों की सुरक्षा और कार्यक्रम पर विचार करना ही बेहतर होगा.” बयान में कहा गया, "आगे चलकर, हम पूरी कोशिश करेंगे कि शो की मूल भावना को नुकसान पहुंचाए बिना कार्यक्रम को ऐसे प्रस्तुत किया जाए कि प्रतिभागियों की सच्ची लगन सही तरीके से दर्शकों तक पहुंच सके.”
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जैसे ही इस नए शो के पहले टीजर को जारी किया गया, माइल ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क (एमबीएन) को भारी गुस्से का सामना करना पड़ा. दक्षिण कोरिया के मीडिया विश्लेषकों का कहना है कि निर्माताओं के पास शो को रोकने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था.
इस शो को "अगले के-पॉप खोज" के रूप में प्रचारित किया गया था. इसमें 59 लड़कियों ने भाग लिया था जिनकी उम्र 15 साल या उससे कम थी. ये सारी लड़कियां के-पॉप इंडस्ट्री की अगली बड़ी स्टार बनने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं. सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी में डांस थ्योरी की असिस्टेंट प्रोफेसर और "के-पॉप डांस” किताब की लेखिका चूयून ओह बताती हैं, "इस इंडस्ट्री में कम उम्र के कलाकारों को बढ़ावा देना कोई नई बात नहीं है.”
कम उम्र का प्रचार बना विवाद
चूयून ओह ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "इस शो को लेकर विवाद इसलिए भी हुआ क्योंकि यह साफ तौर पर लड़कियों की उम्र को, जैसा कि शो के नाम से भी दिखता है, प्रचार का जरिया बना रहा है."
उनका कहना है, "टीवी और ऑनलाइन दर्शकों में कुछ लोग, जैसे कि माता-पिता और शिक्षक, इस शो से खुश नहीं हैं...उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि प्रतिभागी नाबालिग हैं, लेकिन उनके डांस के हाव-भाव, कपड़े, चेहरे के भाव आदि बहुत ज्यादा मेच्योर लगते हैं, क्योंकि वे के-पॉप गर्ल ग्रुप की कोरियोग्राफी को ही दोहरा रही हैं.”
के-पॉप को अकसर उसके गानों, डांस मूव्स और परफॉर्मेंस के कारण आलोचना झेलनी पड़ती है, खासकर तब जब यह बहुत ज्यादा बोल्ड या अश्लील लगते हैं. जैसे के-पॉप स्टार जेनी किम को एचबीओ की सीरीज "द आइडल" में बोल्ड परफॉर्मेंस के बाद दक्षिण कोरिया में काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी, उन्हें लगभग 'कैंसिल' कर दिया गया था. ऐसा ही डाइमपीस ग्रुप की सिंगर सीयू के साथ भी हुआ था, जब 2017 में लाइव परफॉर्मेंस के दौरान उनका वार्डरोब मालफंक्शन हुआ था.
दक्षिण कोरिया के कुछ रूढ़िवादी लोगों के लिए "अंडर 15" शो में कम उम्र की लड़कियों को यौन रूप में पेश किया जाना बेहद आपत्तिजनक था. यह बात तब और तूल पकड़ने लगने लगी जब शो के पोस्टरों में लड़कियों की उम्र को खासतौर पर हाइलाइट किया गया और वह भी बारकोड डिजाइन में. इस पर आलोचकों ने कहा कि इसमें लड़कियों को बस एक चीज की तरह पेश किया जा रहा है.
प्रोडक्ट की तरह पैकैजिंग कर बेचे जाना
सोल वीमेंस यूनिवर्सिटी में एजुकेशन विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर और सामाजिक मुद्दों पर लिखने वाले डेविड टिजर्ड ने डीडब्ल्यू को बताया, "यह सिर्फ लड़कियों की सेक्शुऐलिटी को बढ़ावा देने का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भी चिंता का विषय है कि उन्हें एक प्रोडक्ट की तरह पैक करके बेचा जा रहा है.”
उन्होंने कहा, "जब वयस्कों को इस तरह से पेश किया जाता है, तो यह उतना बड़ा मुद्दा नहीं बनता लेकिन जब बच्चों या किशोरों के साथ ऐसा किया जाता है, तो यह बहुत ज्यादा संवेदनशील विषय बन जाता है.” हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि "सेक्स टू सेल" (यौन आकर्षण) का इस्तेमाल सिर्फ दक्षिण कोरिया में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में आम बात है.
उन्होंने कहा, "क्वोन बो-आ, जिसे ‘के-पॉप की क्वीन' भी माना जाता है, उन्होंने सिर्फ 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था. लेकिन माइकल जैक्सन कितने साल के थे जब उन्होंने परफॉर्म करना शुरू किया? या ब्रिटनी स्पीयर्स?” वह कहते हैं कि "हालांकि यह बहस का विषय हो सकता है कि हम एक ऐसे समाज का हिस्सा है, जो एक तरफ आजादी की बात करता है और दूसरी तरफ नैतिकता थोपता है.”
के-पॉप से लेकर सेल्स गर्ल्स तक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बना इस देश का अहम हिस्सा
वह बताते हैं कि शो के निर्माताओं के लिए इसके लॉन्च का समय गलत साबित हुआ. मार्च की शुरुआत में मीडिया में यह खबर सामने आई थी कि 37 वर्षीय अभिनेता किम सू-ह्युन ने अभिनेत्री किम से-रोन को डेट किया था, जब वह सिर्फ 15 साल की नाबालिग थी. किम से-रोन को दक्षिण कोरिया के सबसे प्रतिभाशाली युवा कलाकारों में गिना जाता था लेकिन फरवरी में 24 साल की उम्र में उन्होंने आत्महत्या कर ली. उनके माता-पिता ने सामने आकर यह आरोप लगाया कि किम सू-ह्युन ने उनकी बेटी को मानसिक रूप से प्रभावित किया और उसे रिश्ते में फंसाया था. इस आरोप के बाद लोकप्रिय अभिनेता को जनता का गुस्सा झेलना पड़ा रहा है.
किम सू-ह्युन को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वीकार करना पड़ा कि उन्होंने किम से-रोन ने डेट किया था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब किम से-रोन कानूनी रूप से बालिग हो गई थी. उन्होंने मीडिया से कहा, "मैं उस बात को नहीं मान सकता जो मैंने किया ही नहीं है. मुझे दुख है कि दिवंगत अभिनेत्री को अभी भी चैन से नहीं रहने दिया जा रहा है.”
मनोरंजन जगत युवाओं से आकर्षित
टिजर्ड ने बताया कि किम से-रोन की आत्महत्या और अब यह आरोप कि किम सू-ह्युन ने तब उन्हें डेट किया जब वह नाबालिग थी, इसने कोरियाई समाज को हिला कर रख दिया है और इसी वजह से "अंडर 15" जैसे शो को गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "इस समय लोग के-पॉप इंडस्ट्री में कम उम्र की लड़कियों को लेकर बेहद संवेदनशील हो गए हैं.”
दूसरी ओर, यह भी सच है कि के-पॉप में हमेशा नए और ताजे चेहरों की मांग बनी रहती है और इंडस्ट्री उस मांग को पूरा करने से पीछे हटती नजर नहीं आती है. प्रोफेसर चूयून ओह ने कहा, "यह आम बात है कि फैशन से लेकर फिल्मों तक, मनोरंजन की दुनिया में युवा चेहरों से बहुत आकर्षण होता है. के-पॉप भी इससे अलग नहीं है. कलाकार जितने युवा होते हैं, उनका शरीर उतना ही ऊर्जावान और आकर्षक होता है और क्योंकि के-पॉप, डांस परफॉर्मेंस पर आधारित है, जो कि एक शारीरिक गतिविधि है. इसलिए युवावस्था कलाकारों के आकर्षण को और बढ़ाता है और यही बाजार में उनकी व्यावसायिक कीमत भी तय करता है.”