फैशन: विंटेज खजाने की खोज में जेन-जी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जैसे-जैसे ऑनलाइन विंटेज फैशन की मांग बढ़ रही है, सेकंड-हैंड कपड़ों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है. लेकिन पुराने कपड़ों में ऐसा क्या है, जो युवाओं को अपना दीवाना बना रहा है?सबसे अलग और खास तरह के कपड़ों की खोज करना लेओनी का मनपसंद काम है. फैशन डिजाइनिंग की 27 साल की स्टूडेंट नए ब्रैंडेड कपड़ों की बजाय पुराने कपड़ों को खोजती हैं, जो उनको अक्सर ऑनलाइन मिल जाते हैं.

लेओनी बताती हैं, "यह डिजिटल खजाने की खोज करने जैसा है.” इसे खोजने के लिए अलग-अलग भाषा में सही शब्दों का चयन करना जरूरी होता है. इस तरह से वह अनोखे परिधान खोज पाती हैं और बेहतरीन महसूस करती हैं.

लोकप्रिय होते सेकंड-हैंड कपड़े

विंटेज फैशन की होड़ में लेओनी अकेली नहीं हैं. हालांकि, पहले विंटेज कपड़े ढूंढने के लिए विचित्र, अस्त-व्यस्त दुकानों में भटकना पड़ता था. लेकिन पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन सेकंड-हैंड कपड़ों का बाजार लगातार बढ़ा है. 15 से 30 की उम्र के युवाओं, यानि तथाकथित जेनरेशन-जी के बीच विंटेज काफी लोकप्रिय हो गया है.

ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स में फैशन और स्टाइल की प्रोफेसर एल्के गाउगले बताती हैं कि सेकंड-हैंड चीजें हमेशा से युवा फैशन का हिस्सा रही हैं. लेकिन आजकल पहने हुए कपड़ों को मीडिया में अलग तरह से पेश किया जाता है.

पुराने कपड़ों के बदले बर्तन का बदलता कारोबार

यह बदलाव इसके शाब्दिक अंतर से समझा जा सकता है, इन कपड़ों को अब "सेकंड-हैंड” की बजाय "प्री-लव्ड” या "विंटेज” बोलकर पेश किया जाता है. विंटेज शब्द का मतलब ऐसी चीजों से होता है, जो 20 साल या उससे भी अधिक पुरानी है. लेकिन ऑनलाइन दुनिया के लिए यह अलग है. हैशटैग "विंटेज”, कुछ नयी चीजों जैसे पुराने कपड़ों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. विंटेज शब्द, एक तरह की खासियत को दर्शाता है, और यह खासियत बढ़े हुए दाम में साफ नजर आती है.

विंटेज में इतना आकर्षण क्यों?

फैशन पत्रकार और सोशल मीडिया सलाहकार वेलेंटीना हेर्बोर्ट बताती हैं, "विंटेज कपड़े खरीदना हमारी सेल्फ-इमेज से बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है.” वह जेन-जी पर फोकस करने वाला एक इंस्टाग्राम चैनल चलाती हैं, जिसके 70,000 फोलोअर्स हैं और उसका नाम है, "द मोस्ट इम्पोर्टेन्ट थिंग्स इन फैशन एंड (पॉप) कल्चर एक्सप्लेन्ड विद सब्सटेंस एंड लव.” (हिंदी: फैशन और (पॉप) संस्कृति की सबसे जरूरी बातें, समझदारी और प्यार के साथ समझें)

हेर्बोर्ट मानती हैं कि अपनी अलग पहचान बनाने की इच्छा ने विंटेज ट्रेंड को बढ़ावा दिया है. वह कहती हैं, "ग्लोबलाइजेशन के कारण, जेन-जी की फैशन में पसंद पुराने पीढ़ियों की तुलना में काफी विस्तृत है. जिसकी वजह से अपना खुद का स्टाइल ढूंढने की इच्छा पैदा होती है.”

लेकिन डिजिटल एज में यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं है क्योंकि हर पल ट्रेंड बदलते रहते हैं. उन्होंने कहा, "हम सब एक जैसा कंटेंट देखते हैं और एक जैसे ही कपड़े भी ढूंढते हैं. जिस वजह से जारा जैसी दुकानों में हम वही 23 एक जैसे दिखने वाले कपड़े खरीदते हैं, भले ही वहां 100 और तरह के कपड़े मौजूद हों."

पैसों की पूरी कीमत वसूलना

हेर्बोर्ट मानती हैं कि अलग दिखने की चाहत के अलावा, कपड़ों की क्वालिटी भी जेन-जी के लिए एक बड़ा मुद्दा है. जैसे कि नई जीन्स, अपने पुराने मॉडल की तुलना में खराब क्वालिटी की महसूस होती है और पहनने वाला "यह अंतर साफ बता सकता है.” वह कहती हैं कि "यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है– काम दाम में, बेहतर सामान.”

युवाओं के लिए सस्टेनेबिलिटी और सही फैशन प्रोडक्शन भी एक अहम भूमिका निभाते हैं. फास्ट फैशन इंडस्ट्री को लंबे समय से खराब कामकाज के हालात, कम वेतन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है. एल्के गाउगले का मानना है कि विंटेज ट्रेंड "जेनरेशन जी की एक जागरूक प्रतिक्रिया है" लोगों और पर्यावरण के शोषण के खिलाफ.

सेकंड हैंड चीज तोहफे में देना बुरा तो नहीं लगेगा!

हालांकि कपड़ों को दूसरी जिंदगी देना संसाधनों के सही उपयोग का तरीका हो सकता है. लेकिन ट्रेंड रिसर्चर, आइके वेन्सेल को संदेह है कि विंटेज ट्रेंड वाकई में फास्ट फैशन की खरीद को कम कर सकता है. उन्होंने कहा, "विंटेज होने का मतलब उपभोक्ता समाज से बाहर होना नहीं है." इस बात की पुष्टि सोशल मीडिया पर "थ्रिफ्ट हॉल्स" करने वाले कुछ विंटेज इन्फ्लुएंसर्स भी करते हैं, जो इन हॉल्स के लिए ऑनलाइन ऑर्डर के ढेर खोलते दिखते हैं.

इसके अलावा, अब विंटेज का मतलब बस टाइमलेस चीज नहीं है. बल्कि बाकी फैशन की तरह यह भी ट्रेंड साइकिल का हिस्सा बन चुका है. ऐसा जरूरी नहीं, कि जो पुराना है, वह ट्रेंडी है. इसे "वाय2के" ट्रेंड से समझा जा सकता है, जो 2000 के स्टाइल को सेलिब्रेट करता है, जिसमें लो-राइज पैंट्स, बहुत सारा ग्लिटर और सस्ता दिखने वाला लुक चलन में था. तो क्या अब फास्ट फैशन की जगह "फास्ट विंटेज" आ गया है? आइके वेन्सेल, इससे सहमत हैं.

बस एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक सोच

वेलेंटीना हेर्बोर्ट बताती हैं कि विंटेज की बढ़ती लोकप्रियता सस्टेनेबल नजरिए से एक सकारात्मक बदलाव है. उन्होंने कहा, "लोग अब अच्छी क्वालिटी के सेकंड-हैंड कपड़ों के फायदे समझ रहे हैं और फास्ट फैशन की बजाय विंटेज को चुन रहे हैं.”

कोलंबिया की सैंड्रा काल्डरोन अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल "रेवांचा विंटेज” के जरिए यूनिक विंटेज चीजें बेचती हैं. उनका कहना है कि उनके देश में भी विंटेज कपड़ों की छवि बदल रही है, अब लोग सेकंड-हैंड कपड़ों के अलावा ऐसे अनोखे कपड़े पसंद कर रहे हैं, जिनके पीछे कोई कहानी भी हो.

हालांकि, यूरोप के विंटेज मार्केट इस सोच में कभी-कभी विरोधाभास पैदा कर देते हैं. उन्होंने बताया, "यहां बहुत अच्छी क्वालिटी का विंटेज मिलता है, लेकिन इसकी कीमतें कई बार बहुत ज्यादा होती हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि यह ट्रेंड में है. कई बार तो विंटेज कपड़े नए कपड़े से भी ज्यादा महंगे होते हैं. यह मूल विचार के खिलाफ है, जो विंटेज को एक सस्ते और अच्छे विकल्प के रूप में पेश करता है.”

काल्डरोन का सपना लेओनी से मेल खाता है– एक अलमारी, जो 90 फीसदी विंटेज कपड़ों से भरी हो. उनका मानना है, "विंटेज और सेकंड-हैंड फैशन सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि पहली पसंद होनी चाहिए.”

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