दुनिया की आबादी हुई आठ अरब के पार, आखिर जनसंख्या का यह विस्तार कैसे हुआ?
World Population (Photo: Pixabay)

बाथ (यूके), 17 नवंबर : 15 नवंबर 2022 मानव जाति के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि इस दिन वैश्विक आबादी ने आठ अरब का आंकड़ा छू लिया. सिर्फ 70 साल पहले, जो एक सामान्य मानव का जीवनकाल होता है, हम केवल 2.5 अरब थे. एडी एक में, दुनिया की कुल आबादी एक अरब के एक तिहाई से भी कम थी. तो संख्या का यह विस्तार कैसे हुआ? World Population: 8 अरब हुई दुनिया की आबादी, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बढ़ा खतरा, इन 4 समस्याओं से जूझना होगा.

मनुष्य विशेष रूप से तेज, बलवान या फुर्तीले नहीं होते हैं. घरेलू पशुओं और पालतू जानवरों की तुलना में हमारी इंद्रियां भी कमजोर होती हैं. इसके बजाय, बड़े दिमाग और जिन जटिल सामाजिक संरचनाओं पर वे टिके हैं, वे हमारी सफलता के रहस्य हैं. इससे हमें विकास के इस खेल के नियमों को बदलने का मौका मिला, जो अधिकांश प्रजातियों के भाग्य को नियंत्रित करता है, जिससे हमें पर्यावरण को अपने पक्ष में आकार देने में मदद मिलती है.

लेकिन इसके कई अनपेक्षित परिणाम भी सामने आए, और अब हमने इस खेल को उस हद तक पहुंचा दिया है कि मानव-चालित जलवायु परिवर्तन ने लाखों प्रजातियों को विलुप्त होने के खतरे में डाल दिया है.

जनसंख्या वृद्धि को समझना किंवदंती है कि चेमकशेरी, जो आधुनिक भारत में हैं, के राजा शतरंज खेलने के शौकीन थे और उन्होंने एक घुमक्कड़ पुजारी को शतरंज की एक बाजी खेलने की चुनौती दी. राजा ने उससे पूछा कि अगर वह जीत गया तो उसे क्या पुरस्कार चाहिए. पुजारी ने कहा कि जीत के बदले में उसे कुछ चावल चाहिए. लेकिन पुजारी की यह शर्त थी कि चावल को एक सटीक तरीके से गिना जाना चाहिए, शतरंज की बिसात के पहले वर्ग में एक दाना, दूसरे में दो, तीसरे में चार, और इसी तरह आगे बढ़ते जाएं. राजा को यह उचित लगा और बाजी शुरू हो गई.

बाजी राजा हार गया, तो उसने अपने सेवकों से कहा कि वे अपने अतिथि को शर्त के अनुसार पुरस्कृत करें. आठ वर्गों की पहली पंक्ति में 255 दाने थे, लेकिन तीसरी पंक्ति के अंत तक एक करोड़ 67 लाख से अधिक दाने थे. राजा ने इसके बदले कोई और पुरस्कार देने की पेशकश की: अपना आधा राज्य तक देने को कहा. अंतिम वर्ग तक पहुँचने तक उसे चावल के इतने दाने चाहिए थे, जिनका तोल लगभग 210 अरब टन होता. राजा को घातीय वृद्धि का यह तरीका बड़ा नुकसान उठाने के बाद समझ में आया.

प्रारंभ में हमारे जीन्स - होमो - की शुरुआत लगभग 23 लाख वर्ष पहले वर्ग एक में हुई थी. हम पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट घाटी के साथ छोटी, बिखरी हुई आबादी से उत्पन्न हुए. आनुवंशिक और जीवाश्म साक्ष्य बताते हैं कि होमो सेपियन्स और हमारे चचेरे भाई निएंडरथल एक समान पूर्वज, संभवतः होमो हीडलबर्गेंसिस से विकसित हुए थे. होमो हीडलबर्गेंसिस का मस्तिष्क आधुनिक मनुष्यों की तुलना में थोड़ा छोटा था.

निएंडरथल का दिमाग हमसे बड़ा था, लेकिन सोच और सामाजिक संबंधों के लिए समर्पित क्षेत्र कम विकसित थे. जब होमो हीडलबर्गेंसिस ने अधिक व्यापक रूप से यात्रा करना शुरू किया, तो आबादी एक दूसरे से बदलने लगी. अफ्रीकी वंश ने होमो सेपियन्स को जन्म दिया, जबकि लगभग 500,000 साल पहले यूरोप में प्रवासियों ने निएंडरथल और डेनिसोवन्स का निर्माण किया.

अफ्रीका के बाहर रहने वाले आधुनिक मानवों में आमतौर पर लगभग 2 प्रतिशत निएंडरथल डीएनए होता है. अफ्रीकी पृष्ठभूमि के लोगों में यह शून्य के करीब है. अगर नियंत्रण नहीं रखा जाए, तो मृत्यु की तुलना में अधिक जन्म दर वाली सभी आबादी तेजी से बढ़ती है. हमारी जनसंख्या प्रत्येक पीढ़ी में दोगुनी नहीं होती है क्योंकि प्रति युगल बच्चों की औसत संख्या चार से कम है. हालांकि, विकास की गति एक अभूतपूर्व दर से तेज हो रही है. हममें से जो आज जीवित हैं, वे उन सभी मनुष्यों का 7 प्रतिशत हैं जो हमारी प्रजाति की उत्पत्ति के समय से अस्तित्व में हैं.

सभी प्रजातियां फलफूल क्यों नहीं रही हैं?

जैविक हस्तक्षेप आम तौर पर जनसंख्या वृद्धि पर ब्रेक लगाता है. ताकतवर की आबादी बढ़ जाती है और कमजोर की संख्या कम हो जाती है. इस तरह विषाणु और अन्य रोग कारक जब आबादी में फैल जाते हैं तो उन्हें नष्ट कर देते हैं. या तेजी से बदलते परिवेश कभी फलने फूलने वाली प्रजातियों और समूहों की संख्या को कम कर सकते हैं. चार्ल्स डारविन या उनसे पहले 18वीं शताब्दी के विद्वान थॉमस माल्थस, ने भी सोचा था कि मानव संख्या को सीमित करना कठिन हो सकता है.

माल्थस का मानना था कि हमारी बढ़ती जनसंख्या अंततः हमारी खाद्य उत्पादन क्षमता को पीछे छोड़ देगी, जिससे बड़े पैमाने पर भुखमरी पैदा होगी. लेकिन उन्होंने कृषि और परिवहन में 19वीं और 20वीं सदी की क्रांतियों, या आनुवांशिक तकनीक में 21वीं सदी की प्रगति की कल्पना नहीं की थी, जिसने हमें दुनिया भर में, हालांकि कहीं कहीं, अधिक खाद्य पैदावार में मदद दी. हमारी बुद्धिमत्ता और उपकरण बनाने और तकनीकों को विकसित करने की क्षमता ने हमारे पूर्वजों के सामने आने वाले अधिकांश खतरों से बचने में हमारी मदद की. धातु के उपकरण बनाने के लगभग 8,500 वर्षों के भीतर इनसान अंतरिक्ष अन्वेषण तक पहुंच गया.

आगे कहां

अब हम तेजी से एक समस्या की तरफ बढ़ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक हम लगभग 10 अरब होंगे. इन विशाल संख्याओं का एक परिणाम यह है कि हमारे व्यवहार में छोटे-छोटे परिवर्तन पूरे विश्व में जलवायु और आवासों पर भारी प्रभाव डाल सकते हैं. आज प्रत्येक व्यक्ति की बढ़ती ऊर्जा मांग 1900 की तुलना में दोगुनी है.