पाकिस्तान के बाद अब उसके दोस्त चीन का भी निकला दम, 27 साल के निचले स्तर पर पहुंची इकॉनमी

एक तरफ भयंकर कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए खूब हाथपैर मार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उसके ‘हर मौसम दोस्त’ चीन का भी बुरा हाल हो गया है. दरअसल चीन की अर्थव्यवस्था 27 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.

विदेश Dinesh Dubey|
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पाकिस्तान के बाद अब उसके दोस्त चीन का भी निकला दम, 27 साल के निचले स्तर पर पहुंची इकॉनमी

एक तरफ भयंकर कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए खूब हाथपैर मार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उसके ‘हर मौसम दोस्त’ चीन का भी बुरा हाल हो गया है. दरअसल चीन की अर्थव्यवस्था 27 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.

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पाकिस्तान के बाद अब उसके दोस्त चीन का भी निकला दम, 27 साल के निचले स्तर पर पहुंची इकॉनमी
शी जिनपिंग और इमरान खान (File Photo)

बीजिंग: एक तरफ भयंकर कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान (Pakistan) अपनी अर्थव्यवस्था (Economy) को सुधारने के लिए खूब हाथपैर मार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उसके ‘हर मौसम दोस्त’ चीन (China) का भी बुरा हाल हो गया है. दरअसल चीन की अर्थव्यवस्था 27 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. जिससे चीन के अधिकतर निवेशक चिंतित हो गए है. माना जा रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था की बदहाली का कारण अमेरिका से चल रहा ट्रेड वार ही है. जिसकी वजह से चीन के सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी (GDP) पर बहुत बुरा प्रभाव हुआ है.

मिली जानकरी के मुताबिक 2019 की दूसरी तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि रिकॉर्ड गिरावट के साथ 6.2 प्रतिशत दर्ज की गई. लंबे समय से अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वार और वैश्विक स्तर पर मांग में कमी के चलते चीन को यह झटका लगा है. अब तक चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा करता रहा था. चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल के पहली तिमाही में 6.4 प्रतिशत थी.

यह भी पढ़े- पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का बयान, कहा- उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को निवेश की जरूरत

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार पहली छमाही में जीडीपी सालाना आधार पर 6.3 प्रतिशत बढ़कर 45,090 अरब युआन (करीब 6,560 अरब डॉलर) की हो गई. हालांकि, जीडीपी के ये आंकड़े पूरे साल के लिए कम्युनिस्ट देश की सरकार के 6.0-6.5 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हैं.

यह भी पढ़े- वर्ल्ड बैंक न्यायाधिकरण ने पाकिस्तान पर 6 अरब डॉलर का ठोंका जुर्माना, टेथयान कॉपर कंपनी को चुकाना होगा हर्जाना

गौरतलब हो कि गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा पाकिस्तान भारी भरकम कर्ज तले दबा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान पर विदेशी कर्ज का दायरा 2017 में जहां 96.7 बिलियन यूएस डॉलर था वह दिसंबर 2018 में बढ़कर 99.1 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच चुका है. इसके साथ पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बेहद निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है.

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पाकिस्तान के बाद अब उसके दोस्त चीन का भी निकला दम, 27 साल के निचले स्तर पर पहुंची इकॉनमी
शी जिनपिंग और इमरान खान (File Photo)

बीजिंग: एक तरफ भयंकर कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान (Pakistan) अपनी अर्थव्यवस्था (Economy) को सुधारने के लिए खूब हाथपैर मार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उसके ‘हर मौसम दोस्त’ चीन (China) का भी बुरा हाल हो गया है. दरअसल चीन की अर्थव्यवस्था 27 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. जिससे चीन के अधिकतर निवेशक चिंतित हो गए है. माना जा रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था की बदहाली का कारण अमेरिका से चल रहा ट्रेड वार ही है. जिसकी वजह से चीन के सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी (GDP) पर बहुत बुरा प्रभाव हुआ है.

मिली जानकरी के मुताबिक 2019 की दूसरी तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि रिकॉर्ड गिरावट के साथ 6.2 प्रतिशत दर्ज की गई. लंबे समय से अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वार और वैश्विक स्तर पर मांग में कमी के चलते चीन को यह झटका लगा है. अब तक चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा करता रहा था. चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल के पहली तिमाही में 6.4 प्रतिशत थी.

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चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार पहली छमाही में जीडीपी सालाना आधार पर 6.3 प्रतिशत बढ़कर 45,090 अरब युआन (करीब 6,560 अरब डॉलर) की हो गई. हालांकि, जीडीपी के ये आंकड़े पूरे साल के लिए कम्युनिस्ट देश की सरकार के 6.0-6.5 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हैं.

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गौरतलब हो कि गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा पाकिस्तान भारी भरकम कर्ज तले दबा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान पर विदेशी कर्ज का दायरा 2017 में जहां 96.7 बिलियन यूएस डॉलर था वह दिसंबर 2018 में बढ़कर 99.1 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच चुका है. इसके साथ पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बेहद निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है.

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