वर्ल्ड बैंक न्यायाधिकरण ने पाकिस्तान पर 6 अरब डॉलर का ठोंका जुर्माना, टेथयान कॉपर कंपनी को चुकाना होगा हर्जाना
वर्ल्ड बैंक और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (Photo Credits : File Photo)

इस्लामाबाद : विश्व बैंक (World Bank) से संबद्ध न्यायाधिकरण इंटरनेशनल सेंटर फार सेटलमेंट आफ इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूट्स (आईसीएसआईडी) ने बलूचिस्तान स्थिति रेको डिक खदान सौदे को रद्द करने पर पाकिस्तान (Pakistan) पर पांच अरब 97 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोंका है. इसमें 4.08 अरब डॉलर हर्जाना और 1.87 अरब डॉलर ब्याज है. यह हर्जाना पाकिस्तान को टेथयान कॉपर कंपनी (टीसीसी) को चुकाना होगा. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रपटों में यह जानकारी दी गई है.

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह जबर्दस्त झटका है और प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह जानने के लिए आयोग का गठन किया है कि इस मामले में नौबत यहां तक क्यों पहुंची. पाकिस्तान सरकार ने यह भी साफ किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ आईसीएसआईडी समेत अन्य संबंधित न्यायिक मंचों पर अपील करने पर विचार कर रही है.

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पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस सौदे के करार में गड़बड़ी बताकर इसे रद्द किए जाने के बाद टीसीसी ने साल 2012 में विश्व बैंक के आईसीएसआईडी के समक्ष 11.43 अरब डॉलर का दावा पाकिस्तान के खिलाफ दायर किया था. 2107 में आईसीएसआईडी टीसीसी के पक्ष को सही करार दिया था लेकिन हर्जाने की राशि नहीं तय की थी. न्यायाधिकरण ने बीते शुक्रवार को हर्जाने की राशि तय करते हुए अपना फैसला सात सौ पेज में दिया.

पाकिस्तान पर लगाया गया यह जुर्माना, आईसीएसआईडी के इतिहास में इसके द्वारा लगाए गए सर्वाधिक अर्थदंड में से एक है. टीसीसी ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रेको डिक में बहुत बड़े पैमाने पर सोने और तांबे की खानों का पता लगाया था. कंपनी का कहना है कि वह इस इलाके में करीब 22 करोड़ डॉलर खर्च कर चुकी थी कि अचानक 2011 में पाकिस्तान सरकार ने उसके खनन के लिए पट्टे को देने से मना कर दिया और इसके खिलाफ उसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश इफ्तेखार चौधरी ने सौदे में अनियमितता बताते हुए रद्द कर दी थी.

टीसीसी के चेयरमैन विलियम हेस ने चिली के सांतियागो में एक बयान में कहा कि उन्होंने भी अपने कानूनी विकल्प अभी खुले रखे हैं, साथ ही पाकिस्तान के साथ बातचीत का रास्ता भी अभी बंद नहीं हुआ है. पाकिस्तान के महान्यायवादी कार्यालय ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मामले की और इतने भारी नुकसान के लिए कौन जवाबदेह है, इसकी जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है.

बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने टीसीसी की पेरेंट कंपनी अंतोफोगास्ता पीएलसी और टीसीसी के चेयरमैन विलियम हेस के उन बयानों का संज्ञान लिया है जिसमें बातचीत से मामले को सुलझाने की बात कही गई है. पाकिस्तान की सरकार इस रुख का समर्थन करती है.