
इस्लामाबाद से रिपोर्ट — अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान पर अपने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने के लिए 11 नई शर्तें थोप दी हैं. साथ ही भारत के साथ बढ़ते तनाव को लेकर चेतावनी दी है कि इससे पाकिस्तान के वित्तीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों को गंभीर खतरा हो सकता है.
इन नई शर्तों के बाद IMF की कुल शर्तों की संख्या 50 हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMF ने ये सख्त कदम भारत द्वारा मई की शुरुआत में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उठाया है.
क्या है IMF की 11 नई शर्तें?
17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट पास करना होगा
पाकिस्तान की संसद को IMF के तय दिशानिर्देशों के अनुसार वित्त वर्ष 2026 का बजट पास करना होगा.
बिजली बिल में डेब्ट सर्विस चार्ज बढ़ाना होगा
सरकार को बिजली उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला अतिरिक्त चार्ज बढ़ाना होगा.
तीन साल से पुराने सेकंड हैंड कार के आयात पर से रोक हटानी होगी
अब 5 साल तक पुरानी गाड़ियों का व्यावसायिक आयात संभव होगा.
रक्षा बजट में भारी इजाफा
पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट 2.414 ट्रिलियन रुपये कर दिया है, जो IMF के अनुमानों से भी ज्यादा है.
राज्यों को कृषि आयकर लागू करना होगा
चारों प्रांतों को नया एग्रीकल्चर इनकम टैक्स लागू करना होगा और एक प्रभावी टैक्स कलेक्शन प्लेटफॉर्म भी बनाना होगा.
गवर्नेंस सुधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी
IMF की सलाह पर आधारित एक व्यापक एक्शन प्लान सरकार को सार्वजनिक करना होगा.
2027 के बाद की फाइनेंशियल रणनीति तैयार करनी होगी
2028 से आगे के वित्तीय नियमन और ढांचे को लेकर एक दीर्घकालिक योजना बनानी होगी.
बिजली और गैस दरों में समय पर समायोजन करना होगा
बिजली के टैरिफ को लागत के बराबर रखने के लिए हर साल 1 जुलाई को संशोधन और गैस दरों का समायोजन हर छह महीने में करना होगा.
कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी बनाने का कानून पास करना होगा
संसद को इस कानून को जून के अंत तक स्थायी रूप से लागू करना होगा.
बिजली बिल पर लगने वाले सरचार्ज की सीमा हटानी होगी
अभी 3.21 रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा है, जिसे हटाना पड़ेगा.
स्पेशल टेक्नोलॉजी ज़ोन पर मिल रही छूटें बंद करनी होंगी
2035 तक सभी इंसेंटिव को खत्म करने की योजना बनाकर इस साल के अंत तक रिपोर्ट पेश करनी होगी.
भारत-पाकिस्तान तनाव और IMF की चिंता
IMF की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव – विशेषकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद – पाकिस्तान के सुधार कार्यक्रमों के लिए खतरा बन सकता है.
- 7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (22 अप्रैल) का जवाब देते हुए आतंक के ठिकानों पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की.
- पाकिस्तान ने जवाब में 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य अड्डों पर हमला करने की कोशिश की.
- 10 मई को दोनों देशों ने आपसी समझौते के बाद संघर्षविराम पर सहमति जताई.
- IMF ने चिंता जताई है कि अगर यह तनाव जारी रहा या और बढ़ा, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सुधार योजनाएं गंभीर रूप से प्रभावित होंगी.
IMF की शर्तें पाकिस्तान के लिए कड़वी दवा की तरह हैं. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उसे न सिर्फ टैक्स सुधार, ऊर्जा सुधार और खर्च में कटौती करनी होगी, बल्कि भारत के साथ अपने संबंधों को भी संभालकर चलना होगा. क्योंकि IMF साफ कर चुका है कि युद्ध जैसी स्थिति सिर्फ सीमाओं पर नहीं, बजट और विकास योजनाओं पर भी भारी पड़ती है.