ऐसा होगा नासा का अगली पीढ़ी का अंतरिक्ष दूरबीन ‘वेब’

दुनिया का सबसे शक्तिशाली दूरबीन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप मई 2020 तक लांच होगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को आंतरिक आकलन के बाद अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष दूरबीन को लांच करने के अपने लक्ष्य को एक साल बढ़ाने की घोषणा की.

साइंस Dinesh Dubey|
ऐसा होगा नासा का अगली पीढ़ी का अंतरिक्ष दूरबीन ‘वेब’
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (Photo Credit: Twitter)

वाशिंगटन: दुनिया का सबसे शक्तिशाली दूरबीन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप मई 2020 तक लांच होगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को आंतरिक आकलन के बाद अगलषणा की.

साइंस Dinesh Dubey|
ऐसा होगा नासा का अगली पीढ़ी का अंतरिक्ष दूरबीन ‘वेब’
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (Photo Credit: Twitter)

वाशिंगटन: दुनिया का सबसे शक्तिशाली दूरबीन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप मई 2020 तक लांच होगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को आंतरिक आकलन के बाद अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष दूरबीन को लांच करने के अपने लक्ष्य को एक साल बढ़ाने की घोषणा की.

अमेरिकी एजेंसी, नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के कार्यवाहक प्रशासक रॉबर्ट लाइटफूट ने कहा, "वेब एजेंसी के साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के लिए उच्च प्राथमिकता की परियोजना होने के साथ-साथ यह अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान की परियोजना है."

क्यों है खास-

-जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को जेडब्ल्यूएसटी अथवा वेब भी कहा जाता है

-यह अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली अब तक की सबसे बड़ी टेलिस्कोप होगी

-इसका नामकरण नासा विज्ञान मिशनों के दूसरे व्यवस्थापक तथा चैंपियन जेम्स वेब के नाम पर किया गया है

-इससे पूर्व जेडब्ल्यूएसटी को एनजीएसटी (New Generation Space Telescope) के नाम से जाना जाता था, परन्तु सितम्बर 2002 में इसका नाम बदलकर नासा के पूर्व व्यवस्थापक जेम्स वेब के नाम पर कर दिया गया

-यह 6.5 मीटर प्राथमिक दर्पण युक्त एक बड़ा अवरक्त टेलीस्कोप होगा. जिसमें 22 मीटर (72 फीट, टेनिस कोर्ट के आकार की) की लम्बाई वाले सनशील्ड और 6.5 मीटर (21 फीट) चौड़ाई के दर्पण संबद्ध होंगे

-वस्तुतः जेडब्ल्यूएसटी एक हबल स्पेस टेलिस्कोप  की तुलना में दोगुने आकार की है जो कि अब तक का सबसे बड़ा टेलिस्कोप होगा.

-जेडब्ल्यूएसटी को पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर (930,000 मील) की दूरी तक पहुँचने में एक माह का समय लगेगा

-इस बिंदु पर टेलिस्कोप को -390F से कम तापमान पर संचालित किया जाएगा

- इस स्थिति में टेलिस्कोप में कोई भी खराबी होती है तो इस जगह तक पहुँचने तथा इसे स्थिर करने अथवा इसकी मरम्मत करने का कोई रास्ता नहीं है

- यह टेलिस्कोप 13.5 बिलियन वर्ष पूर्व घटित हुई बिग बैंग की घटना के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली प्रथम आकाशगंगाओं को भी देख सकने में सक्षम होगी

-यह उन गैलेक्सी, उल्कापिंड और ग्रहों की भी खोज कर सकता है जो ब्रह्मांड के शुरुआती काल में बने थे

-इस वेब के अवरक्त कैमरे इतने अधिक संवेदनशील हैं कि वे सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा से आने वाले प्रकाश तक को रोकने में सक्षम हैं

-इस टेलिस्कोप के माध्यम से यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेंसी और केनेडियन अंतरिक्ष एजेंसी दृश्य जगत के किनारों का पता लगाने में सक्षम हो जाएंगी

- सम्पूर्ण विश्व के वैज्ञानिक आगामी कईं वर्षों तक इस वेब टेलिस्कोप के माध्यम से अंतरिक्ष के विषय में सूचनाएँ एकत्रित करने में सक्षम हो जाएंगे

आपको बता दें कि इस टेलीस्कोप के प्रोजेक्ट का काम 22 सालों से चल रहा है जिसमें अब तक 65 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. यह भी कहा जा रहा है कि यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष में एलियन की मौजूदगी का भी पता लगा सकता है. नासा के मुताबिक यह टेलीस्कोप इतना संवेदशनशील है कि अगर चंद्रमा से कुछ दूरी पर कोई भंवरा भी उड़ रहा है तो उसकी आवाज को रिकॉर्ड कर सकते हैं.

Most Powerful Businessman: दुनिया में सबसे ताकतवर बिजनेसमैन बने एलन मस्क, Fortune ने जारी की टॉप 10 शक्तिशाली उद्योगपतियों की लिस्ट
विदेश I4y9zBjAAAQIIOSQRBZp5JFICkDAkgQMEMCMPObiY5EAVGnllVhmqeWWWg4AZZS1yDgAlQJwaeaZaAIggIxg0iJmkmnGKaeabLYJi4wGwFnmnHxy6WUBdr7yZpJ79mkolnUGykoBeRIqpJqHRvqkoq0w6uiQkUbqJaWLBnBpmYVmOuemnKpSgKefgirqnAQAWmoqpyKZJaarxtnqq7CiWiSTvIL6qJVK8rpkqFsKO+yVt+J6Sqz/Rhpgo6qhrmmjAWc+aSMByLqqbCmnBlmkszViS+SVf9Y4gJ83BoBlstuSEqu3Q4JLo6+PFirvvFveSO262rYryrvfXqsmrVa2Oq2W1oabJbv+htJtkPDeK6O4VFqZMI3nZmujugv32/AnDw8rpMQFwGuklThiSXIBxFbJ8MeehKzkyAKfrGq5NHIMwMUzZtwxzA4HICzN4RJq8Y3YGlzjvlq+DPQmIUd87aV0HszzxFw6/XQmUQ9LsslHHj1tumZqvfUlXSv59adVrnzjmWafXUnaBKztKKQ45+hzsR7LjbbQxtpN9c46Mopm3H5L0vWSglMtbY7Ywt134pQsXvfU/6mWmXfOaSJO+SOWNz74ykxL/jkmoWOeOQCbF7B32ZOfDknqRWeu+Y2vZx277I7QTiPYVLeeO9+8zw24sGsDD6fwtu5e/CKnAom86qmyjnvzz0/SrfRMJr868507nz0i0TfJK8kGpK/++urreruNwzct/viGRA8k924XzjKm4B8+P/2EsB/3Lqe/aY2rf6YDYO9+NIAGSi9/OmrUoxAIOwUu0IH4K6AB+Xe98FmwEQLEIAR1dMAO+u+DjAhhAwkQgBa68IUwjOGuYvgjSCUQhYlQ4QqNxUPbYYlgWyIVDslnAAxikIdIVN7q0DXEHLrOiEdMYg9tB0QsTaqJhxATFP8daD4pMmlmPmwZyv6HRT3gaYtcHKAXwUjFLP2pjFl8Ihq76EWRtZFY0oIj+eSIRjXWkYqqqpoe96jDNNZxWBADpPUSNcj6yYiBfTyiH/8IPCd9qZFO1KAmN3lJTHryk6AMpShHScpSmvKUqEylKlfJyla68pWwjKUsZ0nLWtrylrjMpS53ycte+vKXwAymMIdJzGIa85jITKYyl8nMZjrzmdCMpjSnSc1qWvOa2MymNrfJzW5685vgDKc4x0nOcprznOhMpzrXyc52uvOd8IynPOdJz3ra8574zKc+98nPfvrznwANqEAHStCCGvSgCE2oQhfK0IY69KEQjahEJ0qH0Ypa9KIYzahGN8rRjnr0oyANqUhHStKSmvSkKE2pSlfK0pa69KUwjalMZ0rTmtr0pjjNqU53ytOe+vSnQA2qUIdK1KIa9ahITapSl8rUpjr1qVCNqlSnStWqWvWqWM2qVrfK1a569atgDatYx0rWspr1rGhNq1rXyta2uvWtcI2rXOeKwwQAADs=" alt="ISRO will Use SpaceX Rockets: स्पेसएक्स के रॉकेट से कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा इसरो, 4,700 किलोग्राम का होगा उपग्रह GSAT-N2">
साइंस

ISRO will Use SpaceX Rockets: स्पेसएक्स के रॉकेट से कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा इसरो, 4,700 किलोग्राम का होगा उपग्रह GSAT-N2

Google News Telegram Bot