राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने हरियाणा (Haryana) के खेल नीति को लेकर कहा है कि पहले राज्य की खेल नीति (Sports Policy) दुनिया में सर्वश्रेष्ठ थी लेकिन पिछले 4-5 सालों में किसी भी एथलीट (Athlete) को कोई फायदा नहीं हुआ, चाहे वह टीम का खेल हो या व्यक्तिगत खेल. विनेश फोगाट ने कहा कि हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज (Anil Vij) इसे सर्वश्रेष्ठ नीति बताते हैं लेकिन निश्चित रूप से ऐसा नहीं है. वहीं, एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने वाले पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने भी हरियाणा सरकार की नई नगद इनाम नीति की बुधवार को कड़ी आलोचना की और इस फैसले को राज्य में खेलों को खत्म करने का प्रयास करार दिया.
बजरंग ने ट्वीट किया, 'जब आप खिलाड़ी को पुरस्कार देने की बात करते हैं तो आप पैसा नहीं, आप समर्थन देने का वादा करते हैं.' उन्होंने लिखा, 'अगर अपना वादा पूरा नहीं कर सकते तो आपसे कोई खिलाड़ी कैसे भविष्य में कोई उम्मीद रखेगा.' बजरंग का बयान हरियाणा सरकार की नई नीति को लेकर आया जिसके मुताबिक, अगर एक खिलाड़ी वित्तीय वर्ष में एक से ज्यादा पदक जीतता है तो उसे उसके द्वारा जीते गए सर्वोच्च पदक के लिए आवंटित की गई पूरी राशि मिलेगी लेकिन दूसरे व इसके बाद के पदकों के लिए 50 फीसदी राशि ही मिलेगी. यह भी पढ़ें- Khel Ratna Award 2019: राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के लिए बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के नाम की सिफारिश
Indian Wrestler Vinesh Phogat on Haryana's sports policy: Earlier the state's sports policy was the best in the world but in last 4-5 years no athlete has benefited, be it a team game or individual game. Anil Vij (Haryana Sports Min) calls it the best policy, it definitely isn't. pic.twitter.com/hSC6VMeuUZ
— ANI (@ANI) June 27, 2019
खिलाड़ियों का मानना है कि सरकार द्वारा राशि का कम करना, उसके वादा पूरा नहीं करने को उजागर करता है. बजरंग के समर्थन में विनेश फोगाट ने भी ट्वीट किया, 'मैं हरियाणा सरकार से अपील करती हूं कि आप अपना पैसा वापस ले लीजिए. खिलाड़ी को अपनी राजनीति के अखाड़े में खड़ा कर उन्हें बेइज्जत नहीं कीजिए.' इन दोनों के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों ने भी इसका विरोध किया है, लेकिन हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज अपनी नीति पर कायम हैं.
आईएएनएस इनपुट