बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने हाल ही में कहा था कि सास-ससुर आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत एक विधवा बहू से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकते हैं. औरंगाबाद बेंच ने आदेश किया कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत सास-ससुर अपनी विधवा बहू से गुजारा भत्ता पाने के हकदार नहीं हैं. Rights Of Unmarried Daughter: हर अविवाहित बेटी को अपने पिता से शादी का उचित खर्च पाने का अधिकार: केरल हाई कोर्ट.
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति किशोर संत ने एक न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय के आदेशों को रद्द कर दिया, जिसने धारा 125 के तहत एक शोभा तिड़के को अपने बूढ़े सास-ससुर का भरण-पोषण करने का आदेश दिया था. बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने स्पष्ट किया कि विधवा बहू सीआरपीसी की धारा 125 के तहत सास-ससुर के भरण-पोषण के लिए उत्तरदायी नहीं है.
Widowed daughter-in-law not liable to maintain parents-in-law under Section 125 CrPC: Bombay High Court
report by @NarsiBenwal https://t.co/To7hKa78A6
— Bar & Bench (@barandbench) April 19, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)