केरल हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि धर्म की परवाह किए बिना प्रत्येक अविवाहित बेटी को अपने पिता से उचित विवाह खर्च प्राप्त करने का अधिकार है. जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और पी.जी. अजीतकुमार द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रहे थे.

कोर्ट ने कहा कि इस अधिकार को कोई धार्मिक रंग नहीं दिया जा सकता है. "एक अविवाहित बेटी के अपने पिता से उसकी शादी से संबंधित उचित खर्च पाने के अधिकार का धार्मिक रंग नहीं हो सकता है. यह हर अविवाहित बेटी का अधिकार है. भले ही उसका धर्म कुछ भी हो. किसी के आधार पर इस तरह के अधिकार का दावा करने से भेदभावपूर्ण बहिष्कार नहीं किया जा सकता है."

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