Supreme Court on Hate Speech: देश की सर्वोच्च अदातल सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर सख्ती दिखाई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की तरह से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर कहा कि जब भी कोई नफरत फैलाने वाला भाषण दिया जाए, वे बिना किसी शिकायत के प्राथमिकी दर्ज करने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें. यह नहीं देखा जाय कि वह किस धर्म का है. निर्देश में अदालत ने चेतावनी दी है कि मामला दर्ज करने में देरी को अदालत की अवमानना ​​माना जाएगा. कोर्ट ने अपने निर्देश में साफ़ किया है कि  भाषण देने वाले व्यक्तियों के धर्म की परवाह किए बिना ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि संविधान की प्रस्तावना में परिकल्पित भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को संरक्षित रखा जा सके. शीर्ष अदालत ने इसे एक गंभीर अपराध करार देते हुए कहा कि नफ़रती भाषण देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित करते हैं.

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