Karnataka HC: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने माना है कि एक सेट में मोबाइल फोन (Mobile Phone) के साथ बेचे जाने वाले चार्जर (Charger) पर 5% की दर से कर लगता है. न्यायमूर्ति पी.एस. दिनेश कुमार और न्यायमूर्ति टी.जी. शिवशंकरे गौड़ा ने देखा है कि मोबाइल सेट खरीदते या बेचते समय क्रेता या विक्रेता का मुख्य उद्देश्य मोबाइल फोन खरीदना या बेचना होता है न कि केवल चार्जर. चार्जर, हेडसेट और इजेक्शन पिन की आपूर्ति बिक्री के लिए प्रासंगिक है, इसलिए चार्जर पर अलग तरह से टैक्स नहीं लगाया जा सकता है.
उत्तरदाता/निर्धारिती कर्नाटक मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 के तहत पंजीकृत डीलर हैं. उत्तरदाता मोबाइल फोन, पार्ट्स और एक्सेसरीज के व्यापार में लगे हुए हैं. यह एक समग्र पैकेज में मोबाइल फोन बेचता है जिसमें सहायक उपकरण जैसे हेडसेट, केबल, इजेक्शन पिन, एडॉप्टर, चार्जर, मैनुअल आदि शामिल हैं.
एओ ने केवीएटी अधिनियम की धारा 39(1) के तहत मोबाइल चार्जर्स के बिक्री कारोबार पर 13.5% से 14.5% की दर से कर लगाने का आदेश पारित किया. निर्धारिती ने सुधार के लिए एक आवेदन दायर किया, और एओ ने केवीएटी अधिनियम की धारा 69 के तहत आदेश पारित किया, रिटर्न और खातों की किताबों के अनुसार अनुमानित टर्नओवर को कम करके आदेश को सुधारा.
देखें ट्वीट-
Charger Sold Along With Mobile Phone Can’t Be Differently Taxed: Karnataka High Court https://t.co/Qd9LTgEDr6
— Live Law (@LiveLawIndia) March 4, 2023
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