Tilkund Chaturthi 2024 Date: इस बार तिलकुंद चतुर्थी 12 फरवरी को मनाई जाएगी, क्या है इसका महत्व
Ganpati | Representational image (Photo Credits: pixabay)

Tilkund Chaturthi 2024 Date: गणेश भक्तों के लिए भाद्रपद के गणेश चतुर्थी के समान ही माघ माह कि गणेश जयंती ( Ganesh Jayanti ) के दिन का भी विशेष महत्व हैं. तिलकुंद चतुर्थी के दिन (Tilkund Chaturthi )गणेश जयंती उत्सव मनाने कि परंपरा हैं. इस बार तिलकुंद चतुर्थी 12 फरवरी को है. मौसम कि शीतलता को देखते हुए शरीर कि सौम्यता बढाने के लिए इस दिन तिल का सेवन किया जाता है. तिलकुंद चतुर्थी के दिन भी गणपति बाप्पा को तिल का प्रसाद भेट चढ़ाया जाता है.

जानें तिलकुंद चतुर्थी का महत्व?

गणेश जयंती के दिन हल्दी या फिर सिंदूर का उपयोग कर गणेश मूर्ति बनाई जाती हैं. इस गणपति कि विधिवत पूजा कर दुसरे दिन मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. इसके साथ ही पूजा विधि के दौरान सुबह तिल के पेस्ट से मसाज कर स्नान किया जाता है.गणेशभक्तों के लिए ख़ास इस दिन अपने घर में ही गणेश पूजन भी किया जाता हैं. चतुर्थी के दिन मंदिरों में भी बाप्पा के दर्शन के लिए भीड़ रहती हैं.

मनोकामना के लिए रखते हैं उपवास

हिंदू धर्म के अनुसार श्रीगणेश को बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता हैं. इसलिए इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए कुछ गणेश भक्त दिनभर का उपवास रखते हैं. इस दिन कि एक और ख़ास बात है कि कुछ लोग इस दिन चांद को नहीं देखते हैं. दंतकथा के अनुसार , जो व्यक्ति इस दिन चांद को देख लेता है . उसको मिथ्या दोष नाम के गलत आरोप कि वजह से मानसिक तकलीफ सहनी पड़ती है.  यह भी पढ़े: Maghi Ganesh Jayanti 2024 Date: इस बार 13 फरवरी को मनाई जाएगी माघी गणेश जयंती

तिलकुंद चतुर्थी को वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है !

तिलकुंद चतुर्थी को वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गणपति बाप्पा के जन्मदिन के उत्सव के मौके पर गणेश मंदिर भी सजाएं जाते हैं. सभी मंदिरों में बाप्पा के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों कि भीड़ रहती है.

टीप: ये लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है, इसमें शामिल किसी भी बात कि लेटेस्टली पुष्टि नहीं करता है.