Most Powerful Hindu Warriors: सम्राट अशोक से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज, भारत के महान शूरवीर एवं साहसी योद्धा जिन्होंने हर आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ाये!
Chhatrapati Shivaji Maharaj Photo: Wikimedia Commons

भारत शुरू से महान एवं बलशाली शासकों का देश रहा है. उन शासकों ने जिन्होंने अपने शौर्य, साहस एवं निपुण युद्ध कौशल के दम पर न केवल आक्रमणकारियों को युद्ध के मैदान में धूल चटाया है, बल्कि एक आदर्श शासक के रूप में कार्य करते हुए देश की संस्कृति एवं परंपराओं की रक्षा भी की है. यहां हम 10 ऐसे ही महान योद्धाओं के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने सिर्फ सामरिक क्षमता के दम पर ही नहीं बल्कि अपनी कार्यकुशलता एवं जनता के प्रति कल्याणकारी भावनाओं को भी वरीयता दी है. आइये जानें ऐसे 8 महान सपूतों के बारे में

अजातशत्रु- 491 BC:

हर्यक वंश के अजातशत्रु ने मगध पर लंबे समय तक राज्य किया. गौरतलब है कि अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को बंदी बनाकर उनकी सत्ता पर कब्जा जमाया था. अजातशत्रु बुद्ध और महावीर युग के सम्राट थे. उन्होंने उन्हें पूर्ण रूप से संरक्षण दिया. अजातशत्रु ने वज्जी जैसे महान बलशाली राजा को युद्ध में हराकर वैशाली पर कब्जा किया. अजातशत्रु ने अपने भाई जो खोसला राज्य के राजा थे, को हरा कर उस पर भी अपना अधिकार हासिल किया. अजातशत्रु के शासनकाल में मगध मध्य भारत का एक विशाल एवं शक्तिशाली राज्य था.

चन्द्रगुप्त मौर्य (340 BC)

मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य को भारत के पहले शक्तिशाली राजा के रूप में जाना जाता है. कहते हैं कि चाणक्य ने तक्षशिला में चंद्रगुप्त को बाल रूप में देखने के बाद उसकी प्रतिभा का अहसास कर लिया था. उन्होंने चंद्रगुप्त को हर तरह की शिक्षा में निपुण बनाया. 20 वर्ष की छोटी सी आयु में ही उन्होंने नंद वंश का नाश करके अपना साम्राज्य शुरू किया. मगध को अपने कब्जे में लिया और पश्चिम में ईरान तक अपना साम्राज्य बढ़ाया. उन दिनों एलेग्जेंडर का सेनापति सेल्यूकस वहां राज्य करता था. चंद्रगुप्त ने उसे भी युद्ध में हराकर उसके पूरे साम्राज्य को हासिल कर लिया था.

सम्राट अशोक (304 BC)

अशोक मौर्य वंश के तीसरे शासक थे. वह अपने शुरूआती दिनों में बेहद कठोर शासक माने जाते थे, इसलिए उन्हें चंड अशोक कहा जाता था, परन्तु कलिंग युद्ध में लाखों लोगों की मृत्यु देख कर उनका हृदय परिवर्तन हो गया. उन्होंने अपने राज्य का विस्तार अभियान छोड़ दिया. बौद्ध धर्म को विदेशों में प्रसार में सम्राट अशोक ने बहुत योगदान दिया. भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और झंडे का चक्र अशोक स्तम्भ से लिया गया है. अशोक का राज्य अफगानिस्तान से बर्मा और कश्मीर से तमिलनाडु तक फैला हुआ था. उनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी. सम्राट अशोक को भारतीय इतिहास का सबसे शक्तिशाली और समर्थ सम्राट माना जाता है.

समुद्रगुप्त चौथी शताब्दी

सम्राट समुद्रगुप्त गुप्त वंश के चौथे राजा थे. उन्होंने 350 ई से 375 ई तक शासन किया. वह गुप्त राजवंश के इकलौते सम्राट थे, जिन्होने अपने पूरे शासनकाल में कभी किसी भी युद्ध में पराजित नहीं हुए. अपने पुत्र विक्रमादित्य के साथ मिलकर समुद्रगुप्त ने भारत के स्वर्ण युग की शुरुआत की. गौरतलब है कि उन्होंने ही भारत में मुद्रा का चलन शुरू किया और स्वर्ण मुद्राएँ बनवायी. उनके राज्य में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हुआ.

राजाराज चोल ( चोल वंश) 10वीं शताब्दी

चोल वंश एवं दक्षिण के सर्वाधिक शक्तिशाली राजा थे राजा राज चोला. उन्होने दक्षिण में अपना शासन बनाया और अपना साम्राज्य श्रीलंका तक विस्तार किया. हिंद महासागर के व्यावसायिक समुद्री मार्गों पर चोला वंश का प्रभाव साफ़ तौर पर था. कहा जाता है कि उनकी अनुमति के बिना यहां कोई भी व्यापारी व्यापार नहीं कर सकता था. यहां उन्होंने 100 से ज्यादा मंदिर बनवाये जिनमें सर्वोत्तम एवं ऐतिहासिक है तंजौर का शिव मंदिर, जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है.

महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया

भारत के महान योद्धाओं में एक थे, मेवाड़ के शूरवीर योद्धा महाराणा प्रताप सिंह, जिन्होंने जीवन का अधिकांश हिस्सा मुगलों के साथ युद्ध में बिताया था. हल्दीघाटी के बाद 1582 में

दिवेर की लड़ाई में मुगलों को बुरी तरह हराया, और आक्रमणकारियों से 90 प्रतिशत मेवाड़ पर कब्जा कर लिया. गौरतलब है कि मेवाड़ अकबर की सबसे बड़ी विफलता थी.

छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी पराक्रमी योद्धा थे. उन्होंने अपने शौर्य, पराक्रम और कुशल युद्धनीति के सहारे मुगल साम्राज्य के छक्के छुड़ा दिए थे. वह बचपन से ही निडर और साहसी थे. शिवाजी ने महाराष्ट्र में हिंदू राज्य की स्थापना की थी, इसके बाद ही उन्हें 'छत्रपति' की उपाधि मिली. छत्रपति शिवाजी महाराज साहस और शौर्य की जीती-जागती मिसाल थे. युद्ध कौशल में उनका कोई सानी नहीं था. संख्या में कम होने के बावजूद अपनी गति और चातुर्य के बल पर बड़ी-बड़ी सेनाओं को धूल चटाते थे. जब तक क्षत्रपति शिवाजी जीवित थे, मराठों का भगवा ध्वज हमेशा लहराता रहा है.

महाराजा रणजीत सिंह

सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह ने भारत पर अफगानी आक्रमणों को ना केवल कुचला बल्कि हराया भी. महाराजा रणजीत सिंह की खालसा सेना उस समय की सर्वोत्कृष्ट

सेनाओं में से एक थीं. यहां तक कि अंग्रेज भी उनसे टकराने के बजाय, दोस्ती करना पसंद करते थे. महाराजा रणजीत सिंह की सेना ने एक अन्य किंवदंती हरि सिंह नलवा के नेतृत्व में

काबुल, कंधार और पेशावर पर कब्जा कर लिया.