वर्षीय मिस्टर शर्मा आम दिनों की तरह घर पर बैठे किसी मुद्दे पर पत्नी से सलाह-मशविरा कर रहे थे. अचानक उन्हें सीने में जलन महसूस होती है, और हलका-हलका दर्द महसूस होता है. इसके बाद उल्टी सी लगती है और प्रेशर बनना शुरु होता है. मिस्टर शर्मा एसिडिटी के पुराने मरीज हैं, उन्हें लगता है कि उन्हें एसिडिटी हो रही है. लेकिन जब उन्हें चक्कर आने लगता है और सीने का दर्द निरंतर बढ़ता जाता है तब वह अपने परिवार से यह बात बताते हैं. शर्मा जी का बेटा उन्हें लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचता है. डॉक्टर शर्मा जी की जांच करते हैं और तुरंत इलाज शुरु करते हैं. थोड़ी देर बाद डॉक्टर शर्मा जी के परिवार को बताते हैं कि शर्मा जी को हार्ट अटैक आया था, अगर उन्हें अस्पताल लाने में और 10 मिनट की भी देरी हो जाती तो उन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता. ऐसा अकसर होता है, जब इंसान को हार्ट अटैक आता है, मगर उसे पता नहीं चल पाता. बहुतों को तो हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों का पता नहीं होता, और जब तक वे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
क्यों आता है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक का तभी आता है जब हार्ट में रक्त की आपूर्ति करनेवाली कोरोनरी धमनियों में किन्हीं कारणों से ब्लॉकेज हो जाता है. इससे हार्ट की नलिकाओं में होने वाली ब्लड सप्लाई कम हो जाती है. यह हमारे ह्रदय को ऑक्सीजनन युक्त रक्त से वंचित करता है, इस वजह से मांसपेशियों की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं, जिसकी वजह से हमारा ह्रदय शरीर के सभी हिस्सों में पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप करने में असमर्थ हो जाता है. यही वह पल होता है जब व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार बनता है.
हार्ट अटैक के 5 अहम कारण
* पहला डायबिटीज, यानी शरीर में सुगर लेबल का बढ़ना. सुगर बढ़ने से हार्ट का आर्टरीज डैमेज हो जाता है. इससे हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
* दूसरी वजह है हाइपर टेंशन, यानी हाई बीपी होना. मरीज का ब्लड प्रेशर जब 140/90 से ज्यादा हो जाता है, तो हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
* तीसरी वजह है धूम्रपान. सिगरेट-बीड़ी पीना अथवा तंबाकू या गुटखा चबाना.
* चौथी वजह है हाई कोलेस्ट्रॉल. अकसर हम तली-भूनी वस्तुएं ज्यादा खाते हैं. जंक फूड अथवा पैक्ड फूड का जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं. इसके अलावा मटन आदि के ज्यादा सेवन से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
* पांचवी वजह है जैनेटिक फैक्टर, अगर परिवार में माता, पिता, भाई अथवा बहन में किसी एक को भी कभी हार्ट अटैक आया है, तो दूसरे सदस्यों को भी कभी न कभी हार्ट अटैक हो सकता है. इसके अलावा मेंटल स्ट्रेस, फिजिकल स्ट्रेस इत्यादि के कारण भी लोगों को हार्ट अटैक आते हैं.
हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण
सीने में अचानक दर्द शुरु होता है. कभी-कभी सीने के बीचो बीच भारीपन के साथ दर्द महसूस होता है तो कभी दबाव महसूस होता है. कभी-कभी सीने में जलन के साथ दर्द होता है. कभी सीने के बीचो-बीच, कभी बाईं तरफ, कभी बाएं कंधे, गले अथवा जबडे़ में दर्द होता है. पसीना आता है, सांस फूलना अथवा सांस लेने में तकलीफ होती है. ये सभी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. अगर आपको ऐसी कोई भी पीड़ा महसूस हो रही है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं. आपको तत्काल अपने ह्रदय रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए. वे आपका ईसीजी निकलवा सकते हैं. ईसीजी से हार्ट अटैक की जांच पुख्ता होती है.
हार्ट अटैक से कैसे बचें
अगर हार्ट के रगों के अंदर ब्लॉक है तो उसे खोलना जरूरी होता है. इसके बाद रक्त की सप्लाई को सुचारु करना भी जरूरी होता है. यह दो प्रकार से होता है. पहला बाहर से इंजेक्शन देकर उसे पिघलाया जाता है, अथवा इमर्जेंसी में एंजियोग्राफी करके ब्लॉक को एंजियोप्लास्टी करके खोल दिया जाए. आजकल इमर्जेंसी में एंजियोग्राफी करके एंजियोप्लास्टी करने का ट्रीटमेंट बहुत सफल हो रहा है. यह सबसे बेहतर और दुनिया भर में रिकगनाइज है.
एक बार हार्ट अटैक आने के बाद इन बातों का ध्यान रखें. चिकित्सकों की सलाहनुसार अपना वजन कम करें. खानपान में ज्यादा से ज्यादा परहेज करें. चिकित्सक के बताये व्यायाम नियमित रूप से करें. धूम्रपान करते हैं तो तत्काल बंद कर दें. शराब का सेवन हमेशा के लिए छोड़ दें. कोलेस्ट्रॉल युक्त चीजों का सेवन ना ही करें तो अच्छा होगा. अपने घरेलू चिकित्सक से नियमित विचार-विमर्श कर समय से दवाएं एवं सुझाव लेते रहें.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके अलावा इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह कारगर से होंगे या नहीं इसका भी हम कोई दावा नहीं करते हैं.