मुंबई से जयपुर जा रही जेट एयरवेज की एक फ्लाइट में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब अचानक फ्लाइट में सवार कुल 166 यात्रियों में से करीब 30 यात्रियों के नाक-कान से खून बहने लगा और सिरदर्द की समस्या होने लगी. इस समस्या के पीछे बताई जा रही वजह के अनुसार, क्रू मेंबर केबिन प्रेशर मेंटेन करने वाले स्विच को दबाना ही भूल गए थे, जिसके चलते विमान के ऊंचाई पर पहुंचने से लोग हवा की कमी महसूस करने लगे. देखते ही देखते कुछ लोगों के नाक और कान से ब्लीडिंग होने लगी, जबकि कई लोगों को सिरदर्द होने लगा. मामला सामने आने पर विमान को तुरंत वापस मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया. जिन यात्रियों के नाक और कान से खून निकल रहा था, उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और उनका इलाज मुबंई एयरपोर्ट पर शुरू किया गया.
फ्लाइट में घटी इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे हवाई यात्रा के दौरान क्रू मेंबर की एक छोटी सी गलती यात्रियों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है. इसके अलावा हवाई यात्रा के दौरान आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए.
कम होता है हवा का दबाव
फ्लाइट के केबिन में अक्सर हवा के दबाव को मध्यम स्तर पर रखा जाता है, बावजूद इसके यह समुद्र सतह की हवा के दबाव से बहुत कम होता है और यह शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, 11,000-12,200 मीटर (36 000-40 000 फीट) की ऊंचाई पर केबिन में हवा का दबाव समुद्र सतह से 1800-2400 मीटर (6000-8000 फीट) की ऊंचाई के बराबर होता है. इसका मतलब है कि जब हम स्वस्थ होते हैं तो केबिन में हवा का दबाव कम होने के बावजूद हमारे शरीर पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है और हम कम ऑक्सीजन में भी स्वस्थ रह सकते हैं.
यह भी पढ़ें: विमान में यात्रियों के नाक-कान से खून बहने के बाद वापस मुंबई लौटा जेट का विमान
हो सकती है ये स्वास्थ्य समस्याएं
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दिल, फेफडे या ब्लड डिसऑर्डर से पीड़ित लोग हवाई यात्रा के दौरान ऑक्सीजन के कम स्तर को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और उन्हें फ्लाइट में अतिरिक्त ऑक्सीजन के सप्लाई की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में केबिन में हवा के दबाव में कमी आने से कान में दर्द और सनसनी महसूस हो सकती है. इसके साथ ही कान, नाक और साइनस से पीड़ित लोगों को हवाई यात्रा से बचना चाहिए. हालांकि उड़ान भरने से पहले डिकंजेस्टंट नेजल ड्रॉप्स की कुछ बूंदों को नाक में डालने से आपको थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जिन लोगों की सर्जरी हुई है या मेडिकल ट्रीटमेंट चल रहा है, उन लोगों को हवाई सफर के दौरान पेट में गैस की तकलीफ हो सकती है. ऐसे में उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि उन्हें ट्रीटमेंट या इलाज के कितने दिन बाद हवाई यात्रा शुरू करनी चाहिए.
बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के कारण शरीर के एक या अधिक नसों में खून के थक्के जम सकते हैं, जिससे मसल्स में क्रैंपिंग, दर्द और खिंचाव महसूस हो सकता है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार, फ्लाइट अटेंडेंट्स को कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि वे लगातार बिना किसी सुरक्षा के रेडिएशन के संपर्क में आते रहते हैं.