Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) को सर्दियों के आगमन की सूचना देने वाला पर्व माना जाता है. हर साल शरद पूर्णिमा का त्योहार आश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर को है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से सुसज्जित होता है, इसलिए चांदनी रात का नजारा बहुत मनमोहक और आकर्षक नजर आता है. साल की सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा को इसलिए भी बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इसी दिन धन के देवी लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का जन्म हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस रात्रि चंद्रमा (Moon) 12 बजे धरती पर अमृत की बरसाता है. इस दिन लक्ष्मी-नारायण (Lakshmi Narayan) की पूजा करने से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है.
शरद पूर्णिमा की रात्रि अधिकांश लोग खीर (Kheer) बनाकर रात भर के लिए चांदनी रात में खुले आसमान के नीचे रख देते हैं और अगली सुबह नहा-धोकर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. शरद पूर्णिमा की खीर का सेवन इस बात का प्रतीक है कि सर्दियों के मौसम में हमें गर्म चीजों का सेवन करना चाहिए. खीर में दूध, चावल, ड्राई फ्रूट्स जैसी पौष्टिक चीजें डाली जाती हैं, जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है. चलिए जानते हैं खीर खाने के कमाल के फायदे (Health Benefits of Kheer).
1- अस्थमा में असरदार
शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में खीर रखने के बाद उसका सेवन करना अस्थमा के मरीजों के लिए अमृत के समान माना गया है. इस खीर का सेवन अस्थमा से पीड़ित लोगों को सुबह 4 बजे के आसपान करना चाहिए. हालांकि डॉक्टर्स भी रोगियों को यह खीर खाने की सलाह देते हैं. यह भी पढ़ें: Sharad Purnima 2019: कब है शरद पूर्णिमा, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से आती है जीवन में सुख-समृद्धि, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
2- दिल का रखे ख्याल
अगर आप दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं तो शरद पूर्णिमा की रात में खीर रखने के बाद उसका सेवन जरूर करें. इसे दिल के रोगियों के लिए लाभदायक माना जाता है. इसके अलावा इससे फेफड़े और सांस संबंधी बीमारियां भी दूर होती हैं. इतना ही नहीं यह चर्म रोग में भी फायदा पहुंचाता है.
3- पित्त को करे संतुलित
शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में खीर खाने से शरीर में पित्त के स्तर को संतुलित किया जा सकता है. पित्त के असंतुलन से बचने के लिए इस दिन खीर खाने की सलाह दी जाती है. शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में चांदी के पात्र में रखी हुई खीर को सुबह खाने से पित्त का प्रकोप कम होता है और इससे मलेरिया होने का जोखिम भी नहीं रहता है.
4- आंखों के लिए कारगर
शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में रखी हुई खीर का सेवन करना आंखों के लिए भी फायदेमंद है. माना जाता है कि इस रात्रि का चांद बहुत चमकीला और आकर्षक होता है. इस रात्रि खुली आंखों से चांद को एकटक देखना चाहिए. इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखे स्वस्थ रहती हैं. यह भी पढ़ें: October 2019 Bank Holidays: अक्टूबर में पड़ रहे हैं दशहरा, दिवाली जैसे बड़े त्योहार, देखें इस महीने पड़नेवाली छुट्टियों की पूरी लिस्ट
5- त्वचा के लिए फायदेमंद
त्वचा रोग या त्वचा संबंधी किसी परेशानी से जूझ रहे लोगों को शरद पूर्णिमा की खीर का सेवन जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को चर्म रोग हो तो इस दिन खुले आसमान में रखी हुई खीर का सेवन करे. इससे त्वचा रोग ठीक होता है और त्वचा दमकने लगती है.
शरद पूर्णिमा की खीर खाने के पीछे छुपे वैज्ञानिक तथ्यों पर गौर करें तो दूध में लैक्टिक नाम का एक अम्ल होता है जो चंद्रमा की किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति अवशोषित करता है, जबकि चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है. खासकर इस रात्रि को चांदी के बर्तन में रखे हुए खीर को खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियों का खतरा दूर होता है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.