Ramzan Mubarak In Advance 2022 Wishes in Hindi: इबादत और अल्लाह की रहमतों वाला पाक महीना रमजान (Ramzan) इस साल 2 अप्रैल से शुरु हो रहा है. इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र महीने को रमजान-उल-करीम भी कहा जाता है. रमजान (Ramadan) के महीने में दुनिया भर के मुसलमान करीब 29-30 दिन का रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. इस महीने मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्य उदय के बाद और सूर्यास्त होने से पहले न अन्न ग्रहण करते हैं और न ही पानी. सूर्योदय से पहले सुबह की सहरी (Sehri) के साथ रोजे की शुरुआत होती है और सूर्यास्त के बाद इफ्तार (Iftar) के साथ ही रोजा खोला जाता है. इसके अलावा इस पूरे महीने लोग अपने विचारों में शुद्धता रखते हैं, साथ ही यह कोशिश करते हैं कि उनकी वजह से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे. रमजान महीने को लेकर मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) में इतना उत्साह होता है कि वो इसकी मुबारकबाद देने के लिए बेकरार हो जाते हैं.
रमजान का पाक महीना शुरु होने वाला है, लेकिन आप अपनों को मुबारकबाद देने के लिए अगर ज्यादा इंतजार नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें एडवांस में शुभकामनाएं दे सकते हैं. आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स के जरिए अपने प्रियजनों को रमजान करीम या रमजान मुबारक इन एडवांस कह सकते हैं.
1- रमजान का चांद देखा,
रोजे की दुआ मांगी,
रोशन सितारा देखा,
आप की खैरियत की दुआ मांगी.
रमजान मुबारक इन एडवांस
2- खुशियां नसीब हो, जन्नत करीब हो,
आप जिसे चाहें वो आपके करीब हो,
आप पर अल्लाह का करम कुछ इस तरह हो,
मक्का और मदीना की आपको जियारत नसीब हो.
रमजान मुबारक इन एडवांस
3- होठों पे न कभी कोई शिकवा चाहिए,
बस निगाह-ए-करम और दुआ चाहिए,
चांद तारों की तमन्ना नहीं मुझको,
आप रहें सलामत खुदा से यही खैरात चाहिए!
रमजान मुबारक इन एडवांस
4- जिक्र से दिल को आबाद करना,
गुनाहों से खुद को पाक करना,
हमारी बस इतनी सी गुजारिश है,
कि रमजान के महीने में हमें भी,
खुद की दुआओं में याद रखना...
रमजान मुबारक इन एडवांस
5- फूलों को बहार मुबारक,
किसानों को खलिहान मुबारक,
परिंदों को उड़ान मुबारक,
चांद को सितारे मुबारक,
और आपको रमजान मुबारक!
रमजान मुबारक इन एडवांस
कहते हैं कि रमजान के महीने में अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उनकी हर दुआ कुबूल करते हैं. यही वजह है कि अल्लाह की रहमत पाने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीने तक रोजा रखते हैं. रोजे के दौरान तय वक्त पर सुबह की सहरी और शाम को इफ्तार करते हैं. रोजे में इन दोनों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सुबह फज्र की अजान के साथ रोजा शुरु होता है और सूरज ढलने के बाद मगरिब की अजान होने पर रोजा खोला जाता है. रमजान का महीना खत्म होने के साथ ही चांद का दीदार करने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है, जिसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है.