Inspirational Quotes of Mahatma Gandhi: आज (2 अक्टूबर 2020) देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती (151st Birth Anniversary of Mahatma Gandhi) मनाई जा रही है. वे एक ऐसे शख्सियत थे, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी (Freedom) दिलानें में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भारत के स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Fight) के सबसे प्रमुख नेताओं में शुमार गांधी जी को लोग प्यार से बापू (Bapu) कहकर पुकारते थे. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने देश की आजादी की लड़ाई में न सिर्फ निस्वार्थ भाव से अपना योगदान दिया था, बल्कि निडर होकर उन्होंने लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए लड़ाई भी लड़ी. भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजादी दिलाने वाले बापू को राष्ट्रपिता कहा जाता है. अपने महान व सकारात्मक विचारों से पूरी दुनिया को प्रभावित करनेवाले इस महापुरुष का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) है.
महात्मा गांधी समाज के हर तबके के संपूर्ण विकास में भरोसा करते थे, इसलिए उन्होंने अपने जीवन काल में अलग-अलग समुदाय के लोगों को एक साथ लाने की कोशिश की. वे सिर्फ एक नेता या स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि उन्हें एक निष्काम कर्मयोगी और युगपुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. महात्मा गांधी जयंती पर आप भी उनके महान प्रेरणादायी विचारों से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के प्रेरणा ले सकते हैं और गांधी जी के महान विचारों (Motivational Quotes of Mahatma Gandhi) को वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम के जरिए अपनों के साथ शेयर करके उन्हें भी प्रेरित कर सकते हैं.
1- खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.
2- व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.
3- ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.
4- धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.
5- कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है, यह तो बहादुर की निशानी है.
6- खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो.
7- एक विनम्र तरीके से आप दुनिया को हिला सकते हैं.
8- मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी.
अंग्रेजों के खिलाफ महात्मा गांधी ने पूरे देशवासियों को एकजुट किया और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन किए. इन सभी आंदोलनों में भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी और अंग्रेज भारत छोड़कर वापस लौटने पर मजबूर हो गए. उनके आंदोलनों की बदौलत देश 15 अगस्त 1947 को गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ था.