Lohri 2023 Wishes in Hindi: देशभर में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व को अलग-अलग नामों से धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले पंजाब (Pujab) और हरियाणा (Haryana) में लोहड़ी (Lohri) का त्योहार बहुत हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन लकड़ियों और उपलों से घर के बाहर या खुली जगह पर आग जलाई जाती है और उसके चारों ओर परिक्रमा की जाती है. लोहड़ी के पावन पर्व पर नई फसलों की कटाई की जाती है और उस कटी हुई फसल का भोग सबसे पहले अग्नि को अर्पित किया जाता है. इसके अलावा इस दिन आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती है. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जा रही है और इससे ठीक एक दिन पहले यानी 14 जनवरी को लोहड़ी मनाई जा रही है.
लोहड़ी फसलों की बुवाई और कटाई से जुड़ा एक खास त्योहार है, इसलिए इस दिन नई फसल की पूजा की जाती है और अग्नि में रवि की फसल को अर्पित किया जाता है. इसके साथ ही लोग अग्निदेव और सूर्यदेव का अच्छी फसल के लिए आभार व्यक्त करते हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सर्दी की थर्राहट में,
मूंगफली, रेवड़ी और गुड़ की मिठास के साथ,
लोहड़ी मुबारक हो आपको,
दोस्ती और रिश्ते की गर्माहट के साथ…
लोहड़ी की शुभकामनाएं
2- जैसे-जैसे लोहड़ी की आग तेज हो,
वैसे-वैसे हमारे दुखों का अंत हो,
लोहड़ी का यह प्रकाश,
आपकी जिंदगी को प्रकाशमय कर दे.
लोहड़ी की शुभकामनाएं
3- ट्विंकल-ट्विंकल यारां दी कार,
खड़के गलासी इन द बार,
पंजाबी भंगड़ा दे चिकन फ्राई,
त्वानू लोहड़ी दी लख-लख वधाई.
लोहड़ी की शुभकामनाएं
4- पंजाब भंगड़ा दे मक्खन मलाई,
पंजाबी तड़का ते दाल फ्राई,
त्वानू लोहड़ी दी लख-लख वधाई.
लोहड़ी की शुभकामनाएं
5- फेर आ गई भंगड़े दी वारी,
लोहड़ी मनाऊ दी करो तैयारी,
अग्ग दे कोल सारे आओ,
सुनदरिये-मुनदरिये जोर नाल गाओ,
लोहड़ी दी आप ते आपदे पूरे परिवार नू बधाई.
लोहड़ी की शुभकामनाएं
लोहड़ी के दिन लोग अग्नि के गोल-गोल चक्कर लगाते हुए गीत गाते हैं और ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर नाचते-गाते हैं. इस पर्व पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. कहा जाता है कि मुगल शासक अकबर के शासन काल के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में रहता था और उसने पंजाब की लड़कियों की रक्षा उस वक्त की थी, जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था. एक बार दुल्ला भट्टी ने उन अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वाकर उनकी शादी हिंदू लड़कों से करवा दी, तब से हर साल लोहड़ी पर उसकी यह कहानी सुनाई जाने लगी.