Karwa Chauth 2020: क्या आप करवा चौथ व्रत का उद्यापन करना चाहती हैं? जानिए इसकी विधि
करवा चौथ 2020 (Photo Credits: File Image)

Karwa Chauth 2020: सनातन धर्म में किसी भी सुहागन के लिए करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) सबसे उत्तम एवं महान माना गया है. किसी भी लड़की की शादी चाहे किसी भी महीने में हो, लेकिन पतिव्रता के व्रत की शुरुआत 'करवा चौथ' (Karwa Chauth) व्रत से ही शुरू होता है. लेकिन ऐसी भी कई महिलाएं हैं, जो विभिन्न कारणों से करवा चौथ के व्रत का उद्यापन (Karwa Chauth Vrat Udyapan) करना चाहती हैं.आइए जानें ज्योतिषियों के अनुसार 'करवा चौथ' व्रत का उद्यापन कैसे करते हैं. करवा चौथ व्रत का उद्यापन करवा चौथ के दिन ही होता है. अगर आप भी आज यानी 04 नवंबर 2020 को करवा चौथ व्रत का उद्यापन करना चाहती हैं तो जानें हमारे ज्योतिषाचार्य क्या कहते हैं.

अगर कोई सुहागन व्रत रखने की स्थिति में ना हो!

किसी भी नवविवाहिता के जीवन की पहली सफलता तभी होती है, जब वह अपने पति की सलामती के लिए करवा चौथ के व्रत की शुरुआत करती है. एक बार शुरु किया गया करवा चौथ का व्रत पति के जीवित रहने तक करना होता है. यहां यह बात दें कि करवा चौथ का व्रत निर्जल और निराहार रहकर करना पड़ता है, लेकिन जिंदगी में विभिन्न कारणों से ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है, जब पत्नी के लिए निर्जल व्रत रख पाना मुश्किल होता है. यद्यपि वह व्रत नहीं छोड़ना चाहती. ऐसी स्थिति में हिंदू धर्म में एक व्यवस्था व्रत का उद्यापन करना होता है. अगर कोई विवाहिता एक बार उद्यापन कर ले तो उसके बाद के सालों में वह व्रत के दौरान एक बार पानी अथवा चाय पी सकती है अथवा व्रत बंद भी कर सकती है. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2020 Greetings & Images: अखंड सौभाग्य का पर्व है करवा चौथ, इन आकर्षक हिंदी GIF Wishes, WhatsApp Stickers, HD Photos, Facebook Messages, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

ऐसे करें उद्यापन

करवा चौथ के व्रत का उद्यापन करवा चौथ के दिन ही करना चाहिए. उद्यापन करने के लिए 13 महिलाओं को 13 सुपारी देकर भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए, जो करवा चौथ के दिन का व्रत कर रही हो. ये महिलाएं करवा चौथ का व्रत, पूजन और व्रत का पारण आपके घर ही करें. घर पर हलवा पूरी और सामर्थ्यनुसार भोजन बनाएं, भोजन में लहसुन का इस्तेमाल नहीं करें. सबसे पहले एक थाली में 4-4 पूड़ी और हलवा 13 जगह पर रखें, उस पर रोली से टीका कर अक्षत छिड़कें. इसे गणेश जी को चढ़ायें. अब घर में जिन 13 महिलाओं का आपने आमंत्रित किया है, उन्हें पहले प्रसाद में चढ़ा पूड़ी और हलवा खिलाएं. इसके बाद एक दूसरी थाली में सासु मां के लिए खाना परोसें. इस पर एक सोने की लौंग, लच्छा, बिंदी, काजल, बिछिया, बिंदी, मेहंदी, चूड़ा इत्यादि सुहाग के सामान तथा कुछ रुपये रखें. अब एक हाथ से पल्लू को सर पर रखते हुए परोसी हुई थाली को सासु मां के सामने रखें.

अगर सासु मां नहीं हों तो उनकी जगह घर की वयोवृद्ध महिला को यह थाली भेंट कर उनका आशीर्वाद लें. अब आमंत्रित 13 महिलाओं को भी भोजन करवा कर टीका करें. एक प्लेट में सुहाग के सभी सामान एवं कुछ रुपये रखकर उन्हें गिफ्ट करें. इसके बाद देवर या जेठ के एक लड़के को साक्षी बनाकर उसे भी भोजन करवाएं और उसे नारियल और रुपये भेंट करें. लेकिन अगर घर पर आमंत्रित 13 सुहागनों को कोरोना के कारण घर पर आमंत्रित करना संभव नहीं हो रहा है तो एक एक थाली में एक आदमी जितना खाया जाने वाला भोजन थाली में निकालें और पूजा पर चढ़ाए गये 4-4 पूड़ी हलवा प्रत्येक थाली में रखें. प्रत्येक 13 थालियों में सुहाग के सामान रखकर उसे आमंत्रित महिलाओं के घर भिजवा दें. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2020: क्यों जरूरी है करवा चौथ व्रत के दिन पारंपरिक कथा सुनना? जानें इस पर्व से जुड़ी प्रचलित कथाएं

यहां आपको बता दूं आप अपनी सुविधानुसार अथवा परिवार के रिवाज के अनुसार भोजन बना सकती हैं, लेकिन भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल कत्तई न करें. इस तरह से आपका उद्यापन पूरा हो जायेगा. अगर ऐसा करना भी संभव नहीं हो रहा है तो किसी सुहागन ब्राह्मणी को भोजन और वस्त्र दान कर उद्यापन कर सकती हैं. लेकिन यहां इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि भोजन और दान दिये जाने वाले वस्त्र को पहले भगवान गणेश को अर्पित करें. इसके बाद ही ब्राह्मणी को ये वस्तुएं दान दें. अब आप अगले वर्षों में दिन में एक बार चाय अथवा पानी पीकर व्रत जारी रख सकती हैं, अथवा व्रत रोक सकती हैं.