Hindi Diwas 2023 Wishes: 14 सितंबर 1946 को संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा (Hindi Language) को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था. हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने संसद भवन में 14 सितंबर 1953 को आधिकारिक तौर पर हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी, उसके बाद से हर साल भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है, जिसे राष्ट्रीय हिंदी दिवस के तौर पर जाना जाता है. दरअसल, आज के इस आधुनिकता वाले दौर में अधिकांश लोग पश्चिमी सभ्यता की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं और हिंदी भाषा बोलने के बजाय अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. ऐसे में देशभर में लोगों को हिंदी के महत्व के बारे में बताने और इस भाषा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है. आपको बता दें कि विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय हिंदी भाषा दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है.
हिंदी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता है, जहां हिंदी भाषा के महत्व और इस भाषा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरुक किया जाता है. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- विविधताओं से भरे इस देश में
लगी भाषाओं की फुलवारी है,
इनमें हमको सबसे प्यारी
हिंदी मातृभाषा हमारी है.
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
2- हिंदी को आगे बढ़ाना है,
उन्नति की राह पर ले जाना है,
केवल एक दिन ही नहीं,
हमें नित हिंदी दिवस मनाना है
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
3- हिंदी सिर्फ हमारी भाषा नहीं,
हमारी पहचान भी है,
तो आइए हिंदी बोलें,
हिंदी सीखें और हिंदी सिखाएं.
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
4- हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा,
हिंदी है हमें बड़ी प्यारी
हिंदी की सुरीली वाणी,
हमें लगे हर पल प्यारी!
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
5- हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है.
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन (चीनी) के बाद हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. जब हमारे देश में अंग्रेजी हुकूमत थी तब उनके खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, नेताओं द्वारा देश को एकजुट करने के लिए हिंदी का इस्तेमाल एक सशक्त हथियार के रूप में किया जाता था. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में भारत में 25 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो बोलचाल में अपनी मूल भाषा के साथ हिंदी का भी इस्तेमाल करते हैं.