Kalashtami 2025 Wishes: चैत्र मास की कालाष्टमी पर इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

Kalashtami 2025 Wishes in Hindi: काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा-अर्चना करने के लिए कालाष्टमी (Kalashtami) तिथि काफी शुभ मानी जाती है. वैसे तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है, लेकिन चैत्र मास की कालाष्टमी का विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल चैत्र कालाष्टमी 22 मार्च 2025 को मनाई जा रही है. इस दिन संध्याकाल के समय काल भैरव की पूजा का विधान है. ऐसी मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से जातक को सभी प्रकार के भयों से छुटकारा मिलता है. भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के उग्र और रौद्र रूप माने जाने वाले काल भैरव मंदिरों के संरक्षक व क्षेत्रपाल कहलाते हैं. इसके अलावा उन्हें तंत्र और मंत्र का देवता भी कहा जाता है, इसलिए ऐसी मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कहा जाता है कि मासिक कालाष्टमी के व्रत को करने वाले भक्तों की महाकाल स्वयं रक्षा करते हैं. काल भैरव की कृपा से व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है. इसके साथ ही रोग, दोष और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है. ऐसे में चैत्र कालाष्टमी पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- ‎कालाष्टमी के पावन पर्व पर,
मैं भगवान काल भैरव से प्रार्थना करता हूं कि,
आपके जीवन को खुशियों से भर दें और,
सभी दुःख-दर्द आपके हर लें.
कालाष्टमी की शुभकामनाएं

कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

2- श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल,
श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल.
कालाष्टमी की शुभकामनाएं

कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- जयति काल भैरव बलकारी,
जयति नाथ भैरव विख्याता,
जयति सर्व भैरव सुखदाता.
कालाष्टमी की शुभकामनाएं

कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- देयं काल भैरव जब सोटा,
नसै पाप मोटा से मोटा,
जनकर निर्मल होय शरीरा,
मिटै सकल संकट भव पीरा.
कालाष्टमी की शुभकामनाएं

कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

5- श्री भैरव भूतों के राजा,
बाधा हरत करत शुभ काजा.
कालाष्टमी की शुभकामनाएं

कालाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. शाम के समय विधि-विधान से काल भैरव की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान भैरव चालीसा का पाठ और ॐ कालभैरवाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें मिष्ठान्न, पंचामृत और फलों का भोग अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन काले कुत्तों को रोटी खिलाना शुभ माना जाता है. व्रत के अगले दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देने के बाद अपने व्रत का पारण करना चाहिए.