Bihar Diwas 2023: बिहार को बंगाल से अलग करने की क्यों उठी मांग, जानें कब और कैसे अलग हुआ बिहार-उड़ीसा
Bihar Diwas 2023

बिहार 22 मार्च यानी आज 111 वर्ष का हो गया. बिहार सरकार (Government of Bihar) हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाती है. साल 1912 में बंगाल प्रोविंस से अलग होने के बाद बिहार अस्तित्व में आया और एक अलग स्वतंत्र राज्य बना. तब से लेकर अब तक के बिहार ने कई सारी कहानियों कई सारी घटनाओं को अपने अंदर आत्मसात किया है. इन 111 साल की अवधि में बिहार ने बहुत कुछ बदलते देखा. इसका राजकीय चिन्ह बोधि वृक्ष है और राजकीय पशु ‘बैल’ है. भारत का पहला साम्राज्य जिसे “मौर्य साम्राज्य” कहा जाता है, का उदय मगध बिहार से ही हुआ था. 22 मार्च को ही अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से बिहार को अलग कर एक राज्य बनाया था.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की शुरुआत

1912 से बिहार का एक अलग अस्तित्व बन चुका था, लेकिन बिहार दिवस मनाने की परंपरा राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू की. सत्ता संभालने के 5 साल के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की और साल 2010 में पहली बार बिहार दिवस का आयोजन किया. इस आयोजन से बिहार के लोगों को जानने का मौका मिला कि बिहार का इतिहास कितना गौरवशाली समृद्ध है. यह भी पढ़ें : दिल्ली विश्वविद्यालय के 20 कॉलेजों में शुरू हो रही है प्रिंसिपल्स की नियुक्ति प्रक्रिया

देश के पूर्वी भाग में स्थित है ‘बिहार’

बिहार देश के पूर्वी भाग (83°-30′ से 88°-00’ देशांतर के बीच) में स्थित है. यह पूरी तरह से भूमि से घिरा राज्य है, हालांकि कोलकाता बंदरगाह के माध्यम से समुद्र के लिए आउटलेट दूर नहीं है. बिहार पूर्व में आर्द्र पश्चिम बंगाल और पश्चिम में उप आर्द्र उत्तर प्रदेश के बीच में स्थित है जो इसे जलवायु, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के संबंध में एक संक्रमणकालीन स्थिति प्रदान करता है. यह उत्तर में नेपाल और दक्षिण में झारखंड से घिरा है. बिहार के मैदान को विभाजित किया गया है. बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा यहां विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा. यह क्षेत्र के हिसाब से 12वां सबसे बड़ा राज्य है, इसका क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है