Mahesh Navami 2025 Wishes: महेश नवमी की इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

Mahesh Navami 2025 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी (Mahesh Navami) का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से इस साल महेश नवमी 4 जून 2025 को मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि इस पावन तिथि पर भगवान शिव की कृपा से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. जनमानस में ऐसी आस्था है कि इस दिन विधि-विधान से शिव-पार्वती की उपासना करने से भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए महेश नवमी पर भक्त शिवलिंग का अभिषेक, शिव चालीसा का पाठ, शिव जी के मंत्रों का जप इत्यादि करते हैं.

माहेश्वरी समाज भगवान शिव को अपना कुल देवता मानता है, शिव की आज्ञा से यह समाज क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य हो गया. माहेश्वरी समाज के लोग महेश नवमी के दिन शिव-पार्वती की पूजा करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. इसके साथ ही इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपने प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें महेश नवमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- सबसे बड़ा तेरा दरबार है,

तू ही सबका पालनहार है,

सजा दे या माफी महादेव,

तू ही हमारी सरकार है...

महेश नवमी की शुभकामनाएं

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

2- मेरे महादेव आपके बिना मैं शून्य हूं,

आप साथ हो महाकाल तो मैं अनंत हूं,

जय श्री त्रिकालनाथ महाकाल...

महेश नवमी की शुभकामनाएं

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- माहेश्वरी समाज के वंशोत्पत्ति दिवस

महेशनवमी के शुभ अवसर पर

सभी माहेश्वरी को हार्दिक बधाई

महेश नवमी की शुभकामनाएं

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- अकाल मृत्यु वो मरे जो

काम करे चाण्डाल का

काल भी उसका क्या बिगाड़े

जो भक्त हो महाकाल का

महेश नवमी की शुभकामनाएं

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

5- काल भी तुम और महाकाल भी तुम

लोक भी तुम और त्रिलोक भी तुम

शिव भी तुम और सत्य भी तुम

महेश नवमी की शुभकामनाएं

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित कथा के अनुसार, माहेश्वरी समाज (Maheshwari Samaj) के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे और इनके वंशज एक बार शिकार करने के लिए वन में गए थे, जहां उनके शिकार करने की वजह से तपस्या में लीन ऋषि मुनि की तपस्या भंग हो गई थी. अपनी तपस्या भंग होने पर ऋषि क्रोधित हो गए और उन्होंने इस वंश की समाप्ति का श्राप दे दिया. कहा जाता है कि उसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान शिव ने इस वंश को ऋषि के श्राप से मुक्त किया और इस समाज को माहेश्वरी नाम दिया.