Balasaheb Thackeray Jayanti 2022: आज है बालासाहेब ठाकरे की 96वीं जयंती, जानें उनके जीवन से जुड़ीं कुछ रोचक बातें
Balasaheb Thackeray Jayanti 2022 (Photo : Wikimedia Commons)

Balasaheb Thackeray Jayanti 2022: बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के नाम से मशहूर बाल केशव ठाकरे (Bal Keshav Thackeray) की आज 23 जनवरी 2022 को 96वीं जयंती मनाई जा रही है. शिवसेना (Shivsena) के संस्थापक- बालासाहेब को उनके समर्थकों के बीच टाइगर और हिंदू हृदय सम्राट के रूप में भी जाना जाता है. बालासाहेब का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे में हुआ था. उनके पिता केशव सीताराम ठाकरे 'प्रबोधनकर' मराठी चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु जाती के थे. बाल आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े थे, उनमें भाई श्रीकांत ठाकरे (राज ठाकरे के पिता) और रमेश ठाकरे और पांच बहनें थीं. बालासाहेब ठाकरे ने मुंबई में फ्री प्रेस जर्नल में एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया, और उनके कार्टून द टाइम्स ऑफ इंडिया के रविवार संस्करण में भी प्रकाशित हुए. यह भी पढ़ें: Subhash Chandra Bose Jayanti 2022 Quotes: सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर अपनों के साथ शेयर करें नेताजी के ये क्रांतिकारी विचार

बालासाहेब अपने पिता केशव ठाकरे से प्रेरित थे, जो पेशे से पत्रकार और कार्टूनिस्ट थे. वह 'संयुक्त महाराष्ट्र' आंदोलन का एक अभिन्न अंग थे, जिन्होंने महाराष्ट्र के एक अलग भाषाई राज्य के निर्माण की वकालत की. 1960 में बालासाहेब ने अपने भाई के साथ कार्टून साप्ताहिक 'मार्मिक' शुरू किया और इसका इस्तेमाल मुंबई में गैर-मराठी लोगों के प्रभाव के खिलाफ अभियान चलाने के लिए किया. जिसमें विशेष रूप से गुजरातियों और दक्षिण भारतीयों को टार्गेट करना था. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने 1966 में महाराष्ट्र में शिवसेना की स्थापना की. ठाकरे कहा करते थे कि शिवसेना कोई राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना है.

बालासाहेब हिंदुत्व के मुखर समर्थक थे, उन्होंने सभी हिंदुओं से भाषाई बाधा को तोड़ने और हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एक साथ आने की अपील की. बालासाहेब सोनिया गांधी के राजनीति में प्रवेश के मुखर आलोचक भी थे, उन्होंने कहा कि देश पर शासन करने के बजाय देश को अंग्रेजों को सौंप देना बेहतर होगा. मुंबई के शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे का वार्षिक भाषण उनके अनुयायियों के बीच लोकप्रिय था. 12 नवंबर 2012 को कार्डियक अरेस्ट के कारण बालासाहेब का निधन हो गया.