नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) का स्टेट दर्जा कब बहाल होगा और चुनाव कब कराए जाएंगे? इसको लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जवाब दिया है. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 (Article 370) को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाने को लेकर बड़ी बात कही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में किसी भी वक्त चुनाव कराने को तैयार हैं. केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लेह में स्थानीय चुनाव हो चुके हैं. जबकि करगिल में चुनाव होने वाले हैं. Article 370: पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिया आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला; सुप्रीम कोर्ट में बोली सरकार.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव हो सकते हैं. फैसला निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव इकाई पर निर्भर करता है. केंद्र ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया जारी है, इसे पूरा होने में एक महीने का समय लगेगा.
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45.2 फीसदी की कमी आई है. मैं 2018 की स्थिति की तुलना 2023 की स्थिति से कर रहा हूं. वहीं घुसपैठ में 90.2 फीसदी की कमी आई है. ये सभी आंकड़े बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हो रहे हैं.
इससे पहले मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा के बारे में केंद्र सरकार से निर्देश मांगने को कहा, जिसे 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों में डाउनग्रेड कर दिया गया था.
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि पूर्ववर्ती राज्य "स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश" नहीं हो सकता, और कहा कि लोकतंत्र की बहाली बहुत महत्वपूर्ण है.