उत्तराखंड राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 16 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच COVID19 से 9 वर्ष तक के कम से कम 1,053 बच्चे प्रभावित हुए और 1 मई से 14 मई के बीच 1,618 बच्चे प्रभावित हुए. बता दें कि पहली लहर में 1 प्रतिशत से भी कम बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे लेकिन दूसरी लहर में संक्रमण का दर बच्चों के बीच बढ़कर 10 फीसद तक हो गया है. बच्चे अभी तक वैक्सीन हासिल नहीं कर सके हैं, इसलिए तीसरी लहर में उन्हें सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. इसलिए एक्सपर्ट्स द्वारा कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को लेकर सावधानियां बरतने की हिदायत दी जा रही है. यह भी पढ़ें: Coronavirus Outbreak: भारत में एक दिन में 3.11 लाख कोरोना संक्रमित मिले, 3.62 लाख हुए ठीक, 4077 ने तोड़ा दम
भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. पिछले दो हफ्तों में भारत में कोरोनावायरस के आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण की दूसरी लहर पहले ही चरम पर पहुंच गई है. बढ़ते मामलों के कारण बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी पड़ रही हैं. पहली लहर ने बुजुर्गों को ज्यादा निशाना बनाया था, लेकिन दूसरी लहर ने व्यस्कों को अधिक प्रभावित किया. अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. यह भी पढ़ें: भारत में Sputnik V के बाद अब जल्द आ सकती है Sputnik Lite, जानिए सिंगल डोज वैक्सीन कोरोना पर कितनी है असरदार
देखें ट्वीट:
Uttarakhand | At least 1,053 children of up to 9 years of age were affected with #COVID19 between April 16 and April 30, and 1,618 children were affected between May 1 and May 14, according to State Health Department
— ANI (@ANI) May 16, 2021
एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में तीसरी लहर की शुरुरात होने में बस कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में छोटे बच्चों को लेकर सावधानी बरतना बहुत जरुरी है. कई राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. अधिकतर जानकारों का कहना है कि भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर इस वर्ष सितंबर के बाद आ सकती है.