Budget 2020: मिडल क्लास से लेकर उद्योगजगत को बजट में मिली बड़ी राहत, शिक्षा और हेल्थ सेक्टर के लिए मोदी सरकार ने खोला पिटारा
बजट 2020 (File Photo)

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट (Budget 2020) पेश किया. आम बजट में मिडल क्लास से लेकर उद्योगजगत को राहत देने की पूरी कोशिश की गई है. इसके साथ-साथ बजट में शिक्षा, हेल्थ और एमएसएमई सेक्टर में सकारात्मक बदलाव के लिए भी जोर दिया गया है. हालांकि रेल बजट में कुछ बहुत खास ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन यात्री और माल किराए में भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई है.

वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्‍द्रीय बजट में करदाताओँ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए और आयकर (इनकम टैक्स) कानून को सरल बनाने के लिए एक नई और सरल व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है. इसमें उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा जो कटौतियों और छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे. Union Budget 2020: कर्नाटक कांग्रेस ने LIC की हिस्सेदारी बेचने पर जताई आपत्ति

वर्ष 2020-21 के लिए संसद में केन्द्रीय बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, “नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी.” उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे आयकर कानून के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है.

नई व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब-

कर योग्य आय का स्लैब (रुपये में) आय कर की वर्तमान दरें नई कर दरें
0-2.5 लाख छूट छूट
2.5-5 लाख 5 प्रतिशत 5 प्रतिशत
5-7.5 लाख 20 प्रतिशत 10 प्रतिशत
7.5-10 लाख 20 प्रतिशत 15 प्रतिशत
10-12.5 लाख 30 प्रतिशत 20 प्रतिशत
12.5-15 लाख 30 प्रतिशत 25 प्रतिशत
15 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के अंतर्गत छोटे खुदरा विक्रेता, व्यापारी, दुकानदार आदि आते हैं. इन उद्यमों पर अनुपालन की जिम्मेदारी को कम करने के उद्देश्य से केन्द्रीय बजट में इन उद्यमों के लेखा परीक्षण के लिए टर्नओवर की सीमा 5 गुणा बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में यह सीमा 1 करोड़ रुपये है.

जबकि स्टार्ट-अप पारितंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय बजट में कर्मचारियों के लिए कर-बोझ में राहत देने हेतु ईएसओपी पर कर भुगतान को 5 साल के लिए या कर्मचारियों द्वारा कम्पनी छोड़े जाने तक या जब वे अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं, इनमें से जो भी पहले होगा, कर भुगतान को स्थगित रखा गया है.

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट प्रस्तुत करते हुए, निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2030 तक भारत विश्वभर में सबसे अधिक कार्यशील जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. उनके लिए साक्षरता के साथ-साथ रोजगार एवं जीवन कौशल की जरूरत है.

सरकार ने सभी के लिए बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए 2020-21 के केन्‍द्रीय बजट में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए आबंटित 69,000 करोड़ रुपये में से प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के लिए 6,400 करोड़ रुपये दिये गये हैं.

वहीं देश के किसानों के लिए बजट में 16 सूत्री कार्य योजना पेश की गई है. जिसके लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जबकि कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया है. कृषि ऋण के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्‍य सरकार ने तय किया है.