तिरुवनंतपुरम: भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से तबाह हो चुके केरल के लिए पूरे देश से मदद के लिए लोग सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में कई देशों ने भी मदद का हाथ बढाया है. केरल में बारिश के रुकने से राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है. बाढ़ के चलते 370 लोगों की मौत हो गई, लाखों बेघर हो गए. वहीं बारिश रूकने के बाद पानी के जलस्तर में कमी आ रही है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि बढ़ाकर 10 करोड़ डॉलर कर दी है. इसकी जानकारी मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दी. यूएई ने केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक कमेटी का गठन किया था. यूएई के प्रेसिडेंट शेख खलीफा ने एक नेशनल इमरजेंसी कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया, ताकि बाढ़ पीड़ितों को सहायता मुहैया कराई जा सके.
इससे पहले बाढ़ से मौतों और तबाही के लिए भारत सरकार और जनता के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मालदीव ने एकजुटता दिखाते हुए 50,000 डॉलर की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. मालदीव दूतावास ने सोमवार को यह जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. जबकि गृह मंत्रालय ने भी 100 करोड़ रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री की ओर से बाढ़ के चपेट में आने के कारण मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये दिए जाएंगे और गंभीर तौर पर घायलों को 50,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
सोमवार तक मुख्यमंत्री राहत कोष में कुल योगदान 210 करोड़ रुपये आ चुका है, जबकि अतिरिक्त 160 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई जा चुकी है. करीब दो हफ्ते की तेज बारिश से राज्य में भयंकर बाढ़ आ गया. सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिले में पंथानामथीट्टा, अलाफुज्जा, अर्नाकुलम और त्रिशूर हैं जहां 52,856 परिवार प्रभावित हुए हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं. केरल बाढ़: 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित, पुनर्वास बनी सरकार के लिए बड़ी चुनौती, राहत शिविरों में हैं 10 लाख लोग