केरल बाढ़: 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित, पुनर्वास बनी सरकार के लिए बड़ी चुनौती, राहत शिविरों में हैं 10 लाख लोग
केरल में बारिश थमी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. केरल में बारिश थमने के बाद अब लोगों को थोड़ी राहत मिली है. बारिश न होने के कारण उफनती नदियों के जलस्तर में कमी आई. बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा हो गई. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इस विनाशकारी तबाही को ‘‘गंभीर प्रकृति की आपदा‘‘ घोषित किया है. लेकिन बारिश थमने के बाद भी सरकार के सामने अब एक और बड़ी चुनौती है. जिसमें लाखों लोगों का पुनर्वास और जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को रोकना शामिल है.

बता दें कि राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं. बारिश धीमी पड़ने पर विभिन्न स्थानों से 602 लोग बचाए गए. वहीं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि देशभर से कई टनों में राहत सहायता मिल रही है. प्रदेश के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने कहा कि जिन लोगों की जायदाद को नुकसान हुआ है उनको मुआवजा दिया जाएगा.

केरल बाढ़ 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित

बता दें कि केंद्र सरकार ने केरल की विनाशकारी बाढ़ को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित किया है. राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक बयान में कहा कि 'केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है.

मालदीव ने 50 हजार डॉलर की मदद

बाढ़ से मौतों और तबाही के लिए भारत सरकार और जनता के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मालदीव ने एकजुटता दिखाते हुए 50,000 डॉलर की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. मालदीव दूतावास ने सोमवार को यह जानकारी दी. मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यालय के हवाले से यहां स्थित दूतावास ने कहा, मालदीव सरकार भारत सरकार एवं जनता, विशेषकर त्रासदी से सीधे तौर पर प्रभावित होने वाले लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है. ( एजेंसी इनपुट )