Tomato Price Hike: अभी और महंगे होंगे टमाटर, 300 रुपये तक पहुंच सकती है कीमत; सरकार की प्लानिंग का क्या हुआ?
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नई दिल्ली: देश में टमाटर की कीमतों से हर कोई परेशान है. कई शहरों में टमाटर 250 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहे हैं. टमाटर की कीमतों में नरमी कब आएगी ये कहना मुश्किल होता जा रहा है. एक ओर जहां सरकार लोगों को राहत देने और इसकी कीमतों में कमी लाने के लिए नए-नए प्लान तैयार कर रही है, तो वहीं टमाटर की कीमत हर दिन नई ऊंचाई पर पहुंचती जा रही है. जैसे-जैसे टमाटर के दाम बढ़ रहे हैं यह लोगों के किचन और थाली से गायब हो रहा है. दोहरा शतक लगा चुका टमाटर अब 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने वाला है. भारी बारिश से सब्जियों की कीमतों में 30 से 40 फीसदी तक उछाल, बैंगन और अदरक के दाम भी 100 के पार.

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (NCML) के एमडी और सीईओ संजय गुप्‍ता का कहना है कि आने वाले सप्‍ताह में टमाटर की कीमतें और बढ़ती जाएंगी. टमाटर की कीमतें बढ़ने का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है. बारिश थमने के बाद ही इसकी कीमतों पर दोबारा अंकुश लगने का अनुमान है. बारिश की वजह से अभी नई फसल भी नहीं लगाई जा रही, जबकि पुरानी फसलें भारी मात्रा में खराब हो रही हैं.

टमाटर ने किया बुरा हाल

उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश और कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति के कारण टमाटर के साथ-साथ सभी सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. देश के कई हिस्सों में बारिश के चलते सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. टमाटर के बढ़ते दामों ने आम आदमी के होश उड़ा दिए हैं. लोगों की थाली का जायका भी बिगड़ रहा है और साथ ही घर का बजट भी गड़बड़ा रहा है.

सरकार के प्लान का क्या हुआ?

सरकार द्वारा एक बयान में कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में शुक्रवार (14 जुलाई) से खुदरा दुकानों के जरिए घटी दरों पर उपभोक्ताओं को टमाटर दिए जाएंगे. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह निर्देश दिया था. बयान के मुताबिक, केंद्र ने बुधवार को सहकारी समितियों नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने और प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में वितरित करने का निर्देश दिया है.

मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे. मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.

क्यों बढ़ रहे हैं दाम

टमाटर की मौजूदा आपूर्ति केवल दक्षिणी और कुछ पूर्वोत्तर इलाकों से हो रही है. आपूर्ति कम होने का कारण केवल मौसम की स्थिति ही नहीं है. टमाटर एक छोटी अवधि की फसल है जो गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील है और बेहद संवेदनशील है. फरवरी और मार्च के बीच भारत के बड़े हिस्से में शुरुआती गर्मी की लहर के कारण फसल के कुछ हिस्से नष्ट हो गए. इसके अलावा दो अलग-अलग वायरस ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी फसलों को नुकसान पहुंचाया. वहीं उचित मूल्य न पाने के चलते किसानों ने भी टमाटर की फसल में रूची खो दी थी जिससे टमाटर का उत्पादन कम हुआ.