नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया मेक इन इंडिया (Make in India) लगातार सफलता की सीढियां चढ़ रहा है. मेक इन इंडिया लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स तमाम क्षेत्रों में अपना लोहा मनवा रहे हैं. उनका असर अब भारत समेत पूरी दुनिया में दिखने लगा है. इस कड़ी में मेक इन इंडिया ने रक्षा क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है. भारत ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन के मूल्य में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने यह जानकारी दी. Make in India: अब भारत में बनेगा Google Pixel 8, हर साल 12 लाख फोन का होगा निर्माण.
राजनाथ सिंह X पर किए अपने एक पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम साल दर साल नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. भारत ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन के मूल्य में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है. 2023-24 में उत्पादन का मूल्य 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के उत्पादन मूल्य से 16.8 फीसदी. अधिक है."
मेक इन इंडिया की नई उपलब्धि
The Make in India programme is crossing new milestones, year after year, under the leadership of PM Shri @narendramodi.
India has registered the highest ever growth in the value of defence production in 2023-24. The value of production has reached to Rs. 1,26,887 crore in…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 5, 2024
रक्षा मंत्री ने आगे लिखा, 'रक्षा उत्पाद बनाने वाली कम्पनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों और निजी उद्योग सहित हमारे उद्योग को बहुत-बहुत बधाई. सरकार भारत को अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अधिक अनुकूल व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.'
मेक इन इंडिया से ग्लोबल ग्रोथ को मिल सकती है रफ्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल वैश्विक वृद्धि के इंजन को रफ्तार देने के साथ दुनिया की अर्थव्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाने में भी मदद कर सकती है. उन्होंने विविध, विश्वसनीय और जुझारू आपूर्ति शृंखलाओं के सृजन पर भी जोर दिया.
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के हवाले से एक बयान में कहा कि भारत में 100 यूनिकॉर्न समेत 1.30 लाख स्टार्टअप होने से इसका अनुभव दूसरों के लिए उपयोगी हो सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा, “आज की ज़रूरत विभिन्न, विश्वसनीय और जुझारू आपूर्ति शृंखलाओं का सृजन है. ‘मेक इन इंडिया’ वैश्विक वृद्धि के इंजन को रफ्तार दे सकता है और दुनिया की अर्थव्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाने में मदद कर सकता है. भारत क्षमता निर्माण में दूसरों के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है, खासकर वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ.”