Ramadan Eid Moon Sighting in India: भारत में ईद के त्योहार लेकर रौनक बढ़ी, जानें हिंदुस्तान में 31 मार्च या 1 अप्रैल को कब पढ़ी जाएगी ईद-उल-फित्र  की नमाज और कब दिखेगा चांद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits AI)

Ramadan Eid Moon Sighting in India: भारत सहित दुनियाभर  में रमज़ान का महीना अब समाप्ति की ओर है. जिसको लेकर बाजारों में ईद की खरीदारी को लेकर रौनक बढ़ गई है. सऊदी अरब में जहां आज  दी का चांद देखने की कोशिश होगी. वहीं भारत में भी ईद के चांद को लेकर बेसब्री बढ़ गई हैं.  भारत में 29 मार्च यानि आज रमज़ान का 28वां रोजा है, जिसके बाद कल यानी 30 मार्च को  29 वें के दिन ईद का चांद देखने की कोशिश की जाएगी. अगर चांद दिखाई देता है, तो भारत में 31 मार्च या 1 अप्रैल को ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की जाएगी.

ईद के चांद को लेकर लोगों में उत्सुकता

 

ईद का चांद मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है, और इसे लेकर देशभर में उत्सुकता का माहौल है. क्योंकि ईद के चांद दिखने के बाद ऐलान होता है कि ईद-उल-फ़ित्र की नमाज कब अदा की जायेगी. यह भी पढ़े: Eid ul Fitr Moon Sighting Saudi Arabia 2025: सऊदी अरब में कब मनाई जाएगी ईद? जानें कब होगा चांद का दीदार

ईद का पर्व: खुशी, भाईचारे और एकता का प्रतीक

ईद का त्योहार समाज में भाईचारे, एकता और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक होता है। यह दिन खुशी, समृद्धि और जरूरतमंदों की मदद का संदेश देता है। ईद के दिन लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं और खासतौर पर सेवईं खाते हैं। रमज़ान के महीने में चांद दिखने के बाद उसी दिन तारा-वीह नमाज पढ़ी जाती है, और पूरे महीने मस्जिदों में कुरान की तिलावत होती है। चांद दिखने के अगले दिन ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाता है.

रमज़ान के महीने की खासियत

रमज़ान के महीने में रोजेदार सुबह से पहले सहरी करते हैं और फिर पूरे दिन रोजा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद इफ्तार करते हैं और फिर शाम की नमाज अदा करते हैं. ईद के दिन लोग ईदगाहों और मस्जिदों में ईद की नमाज अदा करते हैं. इसके बाद लोग एक-दूसरे से मिलकर खुशी साझा करते हैं. ईद के मौके पर लोग छोटे बच्चों और रिश्तेदारों को ईदी (पैसे) भी देते हैं, जिससे खुशियों का इज़हार किया जाता है.

इस्लामिक कैलेंडर 9वें महीने में आता है रमजान

इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना रमजान बेहद पाक माना गया है. इसे अल्लाह (Allah) की रहमत और बरकत का महीना माना जाता है. चांद दिखने के साथ रमजान के महीने की शुरुआत होती है और चांद दिखने के साथ ही इसका समापन होता है.

कौन रह सकता है रोजा

कुरआन में रोजा हर बालिग मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है. हालांकि बीमार लोगों, प्रेगनेंट महिलाओं और जो किसी यात्रा पर हैं, उनके लिए रोजा न रखने की छूट दी गई है. वे चाहें तो बाद में रोजा रखा सकते हैं