यासीन मलिक की मुश्किलें बढ़ी, पूर्व CM की बेटी का अपहरण और IAF के चार जवानों के हत्या के मामले में टाडा कोर्ट में 1 अक्टूबर को होगी सुनवाई
अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Photo Credits-Facebook)

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ जम्मू के टाडा कोर्ट में एक अक्टूबर से सुनवाई शुरू होगी. यासीन मलिक इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे हैं. 25 जनवरी, 1990 को चार भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी. इस केस में अलगाववादी नेता यासीन मलिक का भी नाम शामिल है. जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट की एक पीठ ने 26 अप्रैल को हाईकोर्ट की एकल पीठ के 2008 को दिए आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें इन दोनों मामलों की सुनवाई को श्रीनगर हस्तांतरित कर दिया गया था.

बता दें कि यासीन 1990 के बाद से ही जमानत पर था. फिलहाल यासीन मलिक इस समय टेरर फंडिंग मामले में अरेस्ट किया गया है. इसी साल अप्रैल महीने में यासीन मलिक गिरफ्तार किया गया था. जिसके विरोध में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, पाकिस्तान बेबुनियाद आरोपों के आधार पर 22 फरवरी से यासीन मलिक को जेल में बंद किये जाने और उनकी खराब होती सेहत को लेकर कड़ी निंदा करता है.

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बता दें कि अब तक टेरर फंडिंग मामले में, एजेंसी ने कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा महराजुद्दीन कलवाल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला शामिल हैं.

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने मलिक के संगठन जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. मलिक के खिलाफ सीबीआई ने भी मुकदमे दर्ज कर रखे हैं. ये मामले पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के 1989 में हुए अपहरण और 1990 में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या से संबंधित हैं.