9 अगस्त का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इस दिन की विशेषता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इसी दिन, 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी. आज, जब हम इस दिन को मनाते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस आंदोलन में भाग लिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, "बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि. यह वास्तव में हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक क्षण था."
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वीडियो संदेश में इस बात पर जोर दिया कि हम सभी को उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना चाहिए जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना इस आंदोलन में भाग लिया. उन्होंने कहा कि यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने किस तरह की कठिनाइयों का सामना किया और आज़ादी की लड़ाई लड़ी.
Homage to all those who took part in the Quit India Movement under Bapu’s leadership. It was truly a watershed moment in our freedom struggle. pic.twitter.com/Htd1eJd1Fl
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2024
भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि
भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे 'अगस्त क्रांति' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण का प्रतीक है. 8 अगस्त 1942 को बंबई (अब मुंबई) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो' का नारा दिया. उन्होंने देशवासियों से 'करो या मरो' (Do or Die) का आह्वान किया. इसका उद्देश्य था ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना.
गांधीजी के इस आह्वान से ब्रिटिश सरकार घबरा गई और उसने 9 अगस्त को ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद और अन्य बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. इसके बावजूद, यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया और जनता ने अंग्रेजों के खिलाफ विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन किए.
भारत छोड़ो आंदोलन की महत्ता
भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक क्षण था. इस आंदोलन ने भारतीय जनमानस में एक नई ऊर्जा का संचार किया और यह स्पष्ट कर दिया कि अब भारतीय जनता ब्रिटिश हुकूमत को और सहन नहीं करेगी. यह आंदोलन इस बात का प्रतीक था कि भारतीय लोग अब किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता पाने के लिए तैयार हैं.
भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा अध्याय है जिसने भारत को स्वतंत्रता के करीब ला दिया. 9 अगस्त का दिन हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत कितनी बड़ी होती है और हमें इसके लिए कितनी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं. इस दिन हम सभी को उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करना चाहिए जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर भारत को आज़ाद किया.