नई दिल्ली: आम जनता को बड़ी राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को लगातार चौथी बार रेपो रेट (Repo Rate) में 0.35 फीसदी की कटौती की है. आरबीआई (RBI) के इस फैसले से बैंकों से कर्ज लेना यानि लोन (Loan) लेना सस्ता हो जाएगा. जो कि आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है. क्योकि रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक सभी बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है.
आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति की समीक्षा में की गई आज की कटौती के बाद रेपो दर 5.75 प्रतिशत से घटकर 5.40 प्रतिशत जबकि रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) 5.50 प्रतिशत से कम होकर 5.15 प्रतिशत हो गया है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 9 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. इससे पहले आरबीआई ने तीन बार फरवरी, अप्रैल और जून पॉलिसी में भी रेपो रेट में कटौती की थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती संतुलित है, जबकि 0.25 प्रतिशत की कटौती अपर्याप्त साबित होती. दास ने इस साल की शुरुआत में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के सीईओ व प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक कर कम ब्याज दरों का फायदा ग्राहकों को देने का सुझाव दिया था. जिसपर सब ने हामी भी भरी थी.
अर्थशास्त्रियों ने पहले ही महंगाई घटने के चलते ब्याज दरों में 0.25 फीसदी तक की कटौती की उम्मीद जताई थी. कहा जा रहा था कि आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कटौती करेगा.
GDP projection adjusted to 6.9% for this year from the earlier projection of 7% . https://t.co/qHRiiaZjoD
— ANI (@ANI) August 7, 2019
ज्ञात हो कि आरबीआई जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है. जिसके बाद ही बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को कर्ज यानि लोन देते हैं. इसलिए इसके घटने से पर्सनल, होम या कार सभी तरह के लोन सस्ते होने के पूरे आसार रहते है. वहीं रिवर्स रेपो रेट का मतलब है वह दर जिस पर बैंकों को अपने जमा पैसे पर आरबीआई ब्याज देती है.