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नई दिल्ली, 27 नवंबर: नौकरी करने वाले लगभग हर कर्मचारियों की एक निश्चित राशि पीएफ फंड (Provident Fund) में जमा होती है. इस राशि को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation) प्रबंधित करता है. टैक्स और निवेश के जानकारों का मानना है कि पीएफ फंड में जमा पैसे को अगर बहुत जरूरत हो तो ही निकालना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि पीएफ फंड में जमा राशि पर कर्मचारियों को कई तरह के लाभ मिलते हैं. जो निचे दिए गए हैं-
- कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में अन्य स्कीम के मुकाबले काफी ज्यादा ब्याज प्राप्त होता है. मौजूदा वित्त वर्ष में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 8.5 फीसद की दर से ब्याज देने का फैसला लिया है.
- इस योजना के तहत कर्मचारी को आयकर अधिनियम की धारा 80 (C) के तहत टैक्स छूट का भी लाभ प्राप्त होता है.
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- पीएफ में जमा राशि को आप अपने जरूरत के वक्त थोडा बहुत निकाल सकते हैं. हाल ही में सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौरान आंशिक रूप से पीएफ निकालने की इजाजत दी गई थी.
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का कर्मचारी अगर नौकरी के दौरान लगातार अंशदान कर रहा है और इस दौरान दुर्घटना बस किसी तरह उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के लोग इंश्योरेंस स्कीम, 1976 का लाभ उठा सकते हैं.
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियम के अनुसार पंजीकृत कंपनी के कर्मचारी ही पीएफ फंड में अपनी ओर से निवेश कर सकते हैं. पीएफ फंड में कर्मचारियों को वर्कर के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता के 12 फीसद के बराबर की रकम को जमा करना पड़ता है.