जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में जारी सियासी उठापठक के बीच राजस्थान सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने बीजेपी (BJP) को विधायकों को मुक्त करने की चुनौती दी. रघु शर्मा ने दावा किया कि अगर बीजेपी ऐसा करती है तो विधायक कांग्रेस में लौट आएंगे. रघु शर्मा ने कहा, मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि वह 19 विधायकों को मुक्त करे, वे कांग्रेस में लौट आएंगे. शर्मा ने कहा, विधायकों को पता है कि अगर लोग उन्हें 'बिकवाली' के रूप में देखते हैं, तो वे जनता का सामना नहीं कर पाएंगे.
रघु शर्मा ने इससे पहले कहा था, पार्टी विधायकों को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं थी, हाथ के निशान पर जीतकर आये थे. रघु शर्मा ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा था, बीजेपी सरकार गिराने में क्यों व्यस्त है. कोरोना संकट चल रहा है जब राजस्थान सरकार कोरोना से निपटने में लगी है तो वो अपनी कोठियों में क्यों थे. यह भी पढ़ें: बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने CM अशोक गहलोत पर निशाना साधा, कहा- राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें राज्यपाल.
रघु शर्मा की बीजेपी चुनौती
I challenge BJP to free the 19 MLAs, they will return to Congress. The MLAs know that if people see them as 'sell-outs', they will not be able to face the public: Raghu Sharma, Rajasthan Minister & Congress leader pic.twitter.com/qaWvh9BUCH
— ANI (@ANI) July 18, 2020
वहीं राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, राजस्थान की SOG पुलिस को हरियाणा की बीजेपी सरकार की पुलिस के द्वारा रोका गया और जब तक रोके रखा जब तक वहां पर ठहरे हुए विधायकों को वहां से चोर रास्ते से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर दिया गया. ये संविधान और कानून के खिलाफ है.
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, अगर बीजेपी कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं है तो हरियाणा रिजॉर्ट में बीजेपी की सरकार के द्वारा हरियाणा पुलिस लगाकर SOG को क्यों रोका गया?
इस बीच राजस्थान में वायरल ऑडियो का मामला भी गहराता जा रहा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. संबित पात्रा ने कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान के नेताओं से कुछ सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा, 'क्या फोन टेपिंग किया गया? क्या आधिकारिक रूप से फोन टेपिंग किया गया?' पात्रा ने पूछा कि क्या आप उनके फोन टैप कर रहे हैं जो किसी दूसरी पार्टी के सदस्य हैं. क्या राजस्थान में यह इमरजेंसी जैसी हालत नहीं है?