नई दिल्ली, 30 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को 'आत्मनिर्भर भारत' की आवश्यकता पर जोर देते हुए लोगों से भारतीय नस्लों के कुत्तों को अपनाने का आग्रह किया. अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' रेडियो प्रोग्राम के दौरान मोदी ने कहा, "अगली बार जब आप घर में पालतू कुत्ता रखने के बारे में सोचें तो आपको भारतीय नस्ल के कुत्तों के बारे में सोचना चाहिए. जब जनता का मंत्र आत्मनिर्भर भारत बन रहा है, तो किसी भी क्षेत्र में देश को पीछे नहीं रहना चाहिए."प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने भारतीय नस्लों के कुत्तों को शामिल करना शुरू कर दिया है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय नस्ल के कुत्तों पर भी अनुसंधान कर रहा है. सुरक्षा बलों में कुत्तों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने दो ऐसे ही साहसी कुत्तों सोफिया और विदा का नाम लिया, जिन्हें इस साल 74वें स्वतंत्रता दिवस पर सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया. दोनों को देश की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए सम्मानित किया गया. उन्होंने आगे कहा, "आपदा प्रबंधन और बचाव मिशन में कुत्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भारत में एनडीआरएफ ने दर्जनों ऐसे कुत्तों को प्रशिक्षित किया है. ये कुत्ते भूकंप या इमारत गिरने के मलबे के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने में विशेषज्ञ हैं."
I have been told that Indian breed dogs are very good & competent. The cost of their upkeep is also quite less and they are also accustomed to the Indian conditions. Now our security forces have also inducted and trained Indian breed dogs in their dog squads: PM Modi https://t.co/TxPrYUX3IP pic.twitter.com/JVczl8lX27
— ANI (@ANI) August 30, 2020
मोदी ने कई भारतीय नस्लों के नाम भी सुझाए, जैसे मुधोल हाउंड, हिमाचली हाउंड, राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई और कोंबई. उन्होंने कहा, "उनके रखरखाव की लागत भी बहुत कम है और वे भारतीय परिस्थितियों के भी आदी हैं. हमारे सुरक्षा बलों ने भी भारतीय नस्ल के कुत्तों को उनके डॉग स्क्वॉड में शामिल किया है और प्रशिक्षित किया है." प्रधानमंत्री ने ऐसे कुत्तों द्वारा कई बम विस्फोटों और आतंकवादी साजिशों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की बात कहते हुए कहा, "हमारे सशस्त्र बलों के साथ कई ऐसे बहादुर कुत्ते जुड़े हैं, जो देश के लिए जीते हैं और सर्वोच्च बलिदान भी देते है."
उन्होंने कहा, "ऐसे ही एक कुत्ते बलराम ने साल 2006 में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का पता लगाया था. साल 2002 में भावना ने आईईडी का पता लगाया था. आईईडी को डिफ्यूज करने के दौरान आतंकवादियों ने वहां विस्फोट किया और वह शहीद हो गई." उन्होंने कहा कि करीब दो से तीन साल पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के स्निफर कुत्ते-जिसका नाम क्रैकर था, शहीद हो गया. उन्होंने कहा, "हाल ही में आपने टीवी पर बीड पुलिस को अपने कुत्ते रॉकी की विदाई पर आंसू गिरने वाली एक भावनात्मक ²श्य देखा था. रॉकी ने पुलिस को 300 से अधिक मामलों को सुलझाने में मदद की थी."