इंसानी हड्डियों और बाल से भरे 8 कलश... मुंबई के लीलावती अस्पताल में काले जादू के सबूत
Lilavati Hospital | PTI

मुंबई का प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल (Lilavati Hospital) एक बड़े घोटाले और रहस्यमयी घटनाओं के चलते सुर्खियों में है. लीलावती किरीटलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी और काले जादू के अनुष्ठान करने का आरोप लगाया गया है.

ट्रस्ट के वर्तमान ट्रस्टियों ने अदालत की लड़ाई जीतने के बाद अस्पताल का प्रबंधन अपने हाथ में लिया. इसके बाद, फोरेंसिक ऑडिट कराया गया, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व ट्रस्टियों ने गैरकानूनी तरीके से अस्पताल के फंड का दुरुपयोग किया और भारी रकम विदेशी खातों में भेजी.

8 कलश, इंसानी खोपड़ियां और काले जादू का रहस्य

इस घोटाले में सिर्फ आर्थिक अनियमितता ही नहीं, बल्कि अस्पताल परिसर में काले जादू से जुड़े अजीबोगरीब घटनाक्रम भी सामने आए. ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि अस्पताल में आठ कलश मिले, जिनमें इंसानी बाल और खोपड़ियां रखी गई थीं. इन घटनाओं ने पूरे मामले को और रहस्यमयी बना दिया है.

फर्जी दस्तावेजों से ट्रस्ट पर कब्जा!

शिकायत में यह भी कहा गया है कि 2002 से 2023 के बीच, कुछ पूर्व ट्रस्टियों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अस्पताल के संचालन पर नियंत्रण कर लिया. इस दौरान उन्होंने 85 करोड़ रुपये सिर्फ कानूनी फीस और मेडिकल उपकरणों की खरीद के नाम पर निकाल लिए.

अधिकारियों के अनुसार, 2002 में किशोर मेहता इलाज के लिए विदेश गए थे. इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट का अस्थायी प्रभार संभाला था. विजय मेहता ने कथित तौर पर अपने बेटों और भतीजों को ट्रस्टी नियुक्त करने के लिए जाली डॉक्यूमेंट और हस्ताक्षर किए, जबकि किशोर मेहता को स्थायी ट्रस्टी के पद से हटा दिया. और लंबी कानून लड़ाई के बाद साल 2016 में किशोर मेहता को अपना पद वापस मिल गया. 2024 में किशोर मेहता की मृत्यु के बाद उनके बेटे प्रशांत मेहता स्थायी ट्रस्टी बन गए.

आर्थिक अपराध शाखा की जांच जारी

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) से भी इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जांचने की मांग की गई है.

ट्रस्ट का बयान – दोषियों को सजा दिलाएंगे!

लीलावती ट्रस्ट ने साफ किया है कि वे अस्पताल की साख को बचाने और जनता के लिए सही ढंग से फंड का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. ट्रस्ट के स्थायी निवासी ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.