केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बोले-  CAA जम्मू-कश्मीर में भी लागू, केंद्र सरकार का अगला कदम अब रोहिंग्याओं को बाहर करना
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Photo Credit-ANI)

जम्मू: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा, यह कानून जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में भी लागू होगा और रोहिंग्या शरणार्थियों को यहां से जाना ही होगा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिस दिन CAA संसद में पारित हुआ उसी दिन से जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया है. अब बस यहां अगला कदम रोहिंग्याओं का निर्वासन होगा. उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं को जम्मू-कश्मीर से बाहर किया जाएगा, इनके निर्वासन को लेकर हम पूरी तैयारी करेंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, रोहिंग्याओं के निर्वासन की योजना केंद्र में विचाराधीन है. CAA रोहिंग्या को किसी तरह का कोई लाभ प्रदान नहीं करता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये लोग जम्मू-कश्मीर क्यों आए, क्या इनका मकसद यहां की जनसांख्यिकी बदलना था, इसकी भी जांच की जाएगी. जितेंद्र सिंह ने कहा, हाल ही में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों से कितने रोहिंग्या यहां आए, इसकी जांच होनी चाहिए.

जितेंद्र सिंह ने कहा, रोहिंग्याओं को देश से निकालने के लिए केंद्र सरकार चिंतित है. इसके लिए लगातार केंद्र योजनाओं पर चर्चा कर रहा है. जरूरत के हिसाब से एक लिस्ट तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा, लोगों को बायोमैट्रिक कार्ड दिए जाएंगे ताकि रोहिंग्या शरणार्थी या घुसपैठिए नागरिकता कानून का फायदा न ले सकें.

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रोहिंग्याओं को हर हाल में देश से जाना ही होगा-

सिंह ने कहा, जम्मू क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 से अधिक विदेशी जम्मू और सांबा जिलों में बसे हुए हैं. 2008 और 2016 के बीच उनकी आबादी 6,000 से अधिक हो गई है

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, रोहिंग्या उन 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों जिन्हें CAA के तहत नागरिकता दी जाएगी से संबंधित नहीं हैं. ना ही वे उन 3 पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में से किसी से जुड़े हैं, जिनका जिक्र CAA में क्या गया है. रोहिंग्या लोग म्यांमार से यहां आए और इसलिए उन्हें वापस जाना होगा.

जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा अनुच्छेद 370 (Article 370) हट चुका हैं और कभी वापिस नहीं लौटेगा. ऐसे में प्रदेश के सरकारी ऑफिसरों को भी अब अनिवार्य रूप से एपीआर भरना होगा और टैक्स भी देना होगा. उन्होंने कहा, केंद्रीय सतर्कता आयोग और केंद्र के सूचना के अधिकार के माध्यम से भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा जाएगा.