नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने बुधवार को ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ (Javad Zarif) के साथ अहम द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की जिनमें अफगानिस्तान (Afghanistan) में शांति तथा सुलह प्रक्रिया तथा चाबहार बंदरगाह परियोजना का कार्यान्वयन भी शामिल है. जरीफ ने रायसीना डायलॉग से इतर कहा कि अमेरिका (America) के परमाणु समझौते से हट जाने के बाद ईरान भारत (India), रुस (Russia) और चीन (China) जैसे अपने पारंपरिक साझेदारों के साथ मिलकर आगे बढ़ने के बारे में काम कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की तथा क्षेत्रीय स्थिति पर दृष्टिकोण भी साझा किया. समझा जाता है कि इस मुलाकात के दौरान भारत को ईरान से कच्चे तेल के आयात, चाबहार बंदरगाह परियोजना के कार्यान्वयन तथा अफगानिस्तान में स्थिति पर भी चर्चा हुई. सूत्रों ने कहा कि ईरानी परमाणु समझौते से अमेरिका के हट जाने से उत्पन्न स्थिति पर भी चर्चा हुई.
Age-old cultural & civilizational connect
EAM @SushmaSwaraj met Iranian Foreign Minister @JZarif who is in Delhi for the @raisinadialogue. Held wide ranging discussion on important bilateral issues and shared perspectives on the regional situation. pic.twitter.com/zUZaj5VYtN
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) January 9, 2019
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Departing New Delhi after productive 3 day visit with many business leaders. Good meeting with @SushmaSwaraj & other leaders. Relations expanding in the interest of both our peoples.
Also shared thoughts on a “post-western” global order @RaisinaDialogue. (https://t.co/Z03oTy8fBT) pic.twitter.com/fivRRGe9A1
— Javad Zarif (@JZarif) January 9, 2019
गौरतलब है कि ईरान खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए रणनीतिक महत्व वाला देश है और दोनों देशों के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों से काफी प्रगति पर हैं. गत नवंबर में अमेरिका ने कई अन्य देशों के साथ ही भारत को भी ईरान से तेल के आयात पर लगी पाबंदी से अस्थायी छूट दी थी. इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है. भारत ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास में सक्रिय साझेदार भी है.