
नई दिल्ली: बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एक खास तोहफा दिया. यह तोहफा एक थ्रोबैक फोटो थी, जिसमें 2015 में मुंबई में आयोजित 102वें इंडियन साइंस कांग्रेस के दौरान पीएम मोदी उन्हें गोल्ड मेडल प्रदान कर रहे थे.
इस फोटो को लेकर यूनुस ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट भी साझा किया और लिखा, "प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैंकॉक में द्विपक्षीय बैठक के दौरान एक फोटो भेंट की, जिसमें प्रधानमंत्री उन्हें 3 जनवरी 2015 को इंडियन साइंस कांग्रेस में गोल्ड मेडल दे रहे हैं."
BIMSTEC सम्मेलन में हुई मुलाकात
यह मुलाकात बैंकॉक में आयोजित छठवें BIMSTEC शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई, जहां दोनों नेताओं की आमने-सामने बातचीत लंबे समय बाद हुई. यह बैठक बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद पहली औपचारिक मुलाकात थी.
दस साल पहले PM मोदी ने दिया था गोल्ड मेडल
Profsssor Muhammad Yunus is presenting a photo to Prime Minister Narendra Modi during their bilateral meeting in Bangkok on Friday. The photo is about Prime Minister Narendra Modi presenting a gold medal to Professor Yunus at the 102nd Indian Science Congress on January 3, 2015 pic.twitter.com/lsikvMOWT4
— Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) April 4, 2025
भारत का बांग्लादेश को समर्थन फिर दोहराया
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से "जन-केंद्रित" दृष्टिकोण के तहत दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाता आया है, जिससे दोनों देशों की जनता को वास्तविक लाभ हुआ है.
सम्मेलन के दौरान 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी नेताओं ने एक मिनट का मौन रखा.
प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा, “बैंकॉक में BIMSTEC नेताओं के साथ. हम विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारी कोशिशें लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं.”
म्यांमार के जनरल से भी हुई चर्चा
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल आंग ह्ला लाइन से भी मुलाकात की और भारत-म्यांमार द्विपक्षीय संबंधों पर विचार-विमर्श किया.