Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर पिछले करीब डेढ़ महिने से किसानों का आंदोलन जारी हैं. इस बीच नए कृषि कानूनों के साथ-साथ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी वकील से काह कि 'अगर सरकार ने रोक नहीं लगाई तो अदालत कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा देगी. ' प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है तो हम इसके अमल पर रोक लगा देंगे. वहीं कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) नेता व ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने हरियाण के विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को इस्तीफा देने की धमकी देते हुए पत्र लिखा हैं.
विधानसभा स्पीकर को लिखे चिट्ठी में चौटाला ने कहा कि इन सभी हालातों को देखते हुए अगर केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को 26 जनवरी तक वापिस नहीं लेती तो इस पत्र को विधानसभा से उनका त्याग पत्र समझा जाए. क्योंकि ऐसी परिस्थिति में विधानसभा में उनकी मौजूदगी का कोई महत्व नहीं रह जाता. चौटाला ने अपने पत्र में पिछले 47 दिन से ठंड के बीच आंदोलन कर रहे किसानों के दर्द और मरने वाले किसानों के बारे में भी बातें लिखी हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान नेताओं ने कहा, गणतंत्र दिवस की परेड के दिन वे हम पर लाठी बरसाएं और हम राष्ट्रगान गाएंगे
Indian National Lokdal leader Abhay Singh Chautala writes to Haryana Assembly Speaker, says, "If by 26th January the Centre does not take back the farm laws, then, this letter should be considered as my resignation from the state assembly". pic.twitter.com/w7nNQqQEJJ
— ANI (@ANI) January 11, 2021
बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर सरकार और किसान संगठन के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी हैं. आठ दौर की वार्ता में सरकार ने किसानों की चार मांगो में दो मांगे मान ली हैं. वहीं दो मांगे एमएसपी को लागू रहने और कृषि कानूनी को लेकर रद्द करने की मांग को लेकर वार्ता चल रही हैं. लेकिन दो मांगो पर सरकार और किसानों के बीच हल नहीं निकल रहा है. सरकार जहां कृषि कानूनों में संशोधन की बात कर रही हैं. वहीं किसान अपने जिद पर अड़े हुए है कि कानून में संशोधन नहीं बल्कि पूरे कानून को रद्द किया जाये. जो अब नौवें दौर की वार्ता 15 जनवरी को होने वाली हैं.