महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड फतह करने के लिए बीजेपी ने किया ये काम, अगले महीने हो सकता है पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच मुकाबला
राहुल गांधी और पीएम मोदी (Photo Credits: PTI)

महाराष्ट्र (Maharashtra), हरियाणा और झारखंड (Jharkhand) में संभवत: अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी मोड में आ गई है. एक तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में मिली करारी हार के बाद लगे सदमे से विपक्षी पार्टियां उबर नहीं पाई हैं. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने महाराष्ट्र और हरियाणा (Haryana) में मुख्यमंत्रियों की यात्राओं के साथ चुनाव अभियान शुरू भी कर दिया है. बीजेपी आम चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर दोबारा केंद्र की सत्ता में आई है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रचंड जीत से तीनों राज्यों की सरकार के प्रति उपजी एंटी इनकंबेंसी को कम करने में मदद मिलेगी.

चुनाव के दौरान बीजेपी राष्ट्रीय भावनाओं से जुड़े मुद्दे भी उठाएगी चाहे वह बालाकोट हमले का मामला हो या फिर हाल ही में जम्मू और कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 का मामला. बीजेपी के लिए एक और सकारात्मक बात यह है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस उसकी मुख्य राजनीतिक विरोधी है जबकि झारखंड में कांग्रेस के अलावा जेएमएम, जेडीयू और आरजेडी भी चुनावी मैदान में होगी. यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव: कांग्रेस में बड़ा बदलाव, कुमारी शैलजा बनीं प्रदेश अध्यक्ष.

कांग्रेस ने बुधवार को हरियाणा में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता नियुक्त किया. हुड्डा को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया है. दूसरी तरफ, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर 18 अगस्त से जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं और लोगों द्वारा मिल रही प्रतिक्रिया से बीजेपी खुश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस यात्रा की एक रैली में 8 सितंबर को शामिल होने की संभावना है. पीएम मोदी हुड्डा के होमग्राउंड रोहतक में रैली को संबोधित कर सकते हैं. हरियाणा कांग्रेस में अतंरकलह और आईएनएलडी में टूट ने बीजेपी के लिए काम आसान कर दिया है. 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने हरियाणा में सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी.

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा निकाली गई महा जनादेश यात्रा बीजेपी के लिए मददगार साबित हो रही है. वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी की मुख्य विरोधी पार्टियां अंतरकलह से परेशान हैं और इससे इनकी ताकत कम हुई है. महाराष्ट्र में कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता नहीं है जो पार्टी को एकजुट ताकत के रूप में पेश कर सके. वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी को एकजुट रखने में अपनी ऊर्जा का सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि एनसीपी नेता टिकट लेने के लिए बीजेपी के दरवाजों पर कतार लगा रहे हैं. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच हुई मीटिंग, सहयोगियों को सीटों के आवंटन पर की चर्चा.

उधर, एनडीए खेमे के भीतर बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती यह है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ने की जाहिर कर रहे हैं. आदित्य ठाकरे ने एक यात्रा भी निकाली है. हालांकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले हफ्ते एक पार्टी की रैली में घोषणा की थी कि फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि आदित्य ठाकरे के चुनावी राजनीत में आने से बाद में बीजेपी और शिवसेना के बीच टकराव होने की संभावना है. यह भी पढ़ें- झारखंड: विधानसभा में 65 सीटों के लक्ष्य के साथ जमीन तैयार करने में जुटी बीजेपी, जे.पी. नड्डा राज्य के दो दिवसीय दौरे पर.

बीजेपी ने झारखंड चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी है. संभावना है कि महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही झारखंड में भी विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं. पीएम मोदी 12 सितंबर को राजधानी रांची में एक रैली को संबोधित करेंगे. जेएमएम झारखंड में बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है और आदिवासियों के बीच इसकी पैठ है. बीजेपी के पास रघुबर दास के रूप में गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री है जो ऊंची जाति के वोटरों को लुभाएगा. वहीं, केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को आदिवासी वोटरों को रिझाने के लिए चुनाव अभियान में शामिल किए जाने की संभावना है.