बिहार: करारी हार के बाद महागठबंधन में रार, एक-दूसरे को नसीहत दे रहे हैं नेता
बिहार महागठबंधन (Photo Credits: File Photo)

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को पछाड़ने के लिए बने राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के महागठबंधन में अब कई गांठें दिखाई देने लगी हैं. महागठबंधन में शामिल दल के नेता अब खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ न केवल बयान दे रहे हैं, बल्कि नसीहत भी दे रहे हैं. कांग्रेस (Congress) के नेता जहां चुनावी असफलता के बाद ही 'एकला चलो' की बात करने लगे थे, वहीं अब महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) भी राजद पर निशाना साध रहे हैं. जीतन राम मांझी ने सोमवार को कहा कि राजद के नेतृत्व में अनुभव की कमी है. उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में भाकपा को साथ नहीं लेना राजद की बड़ी भूल थी."

महागठबंधन में गांठ के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "महागठबंधन में अब पहले वाली बात नहीं रही.अब इसमें बिखराव हो गया है, सभी अपने-अपने हिसाब से चल रहे हैं." मांझी ने कहा, "जब बाढ़ आती है तब पेड़ पर हर तरह के जीव सवारी करते हैं. महागठबंधन का स्वरूप जो चुनाव के पहले बना था, वह अभी नहीं दिख रहा है. कांग्रेस अकेले अपनी डफली बजा रही है. राजद भी अलग राह पर है। दूसरे दल भी अलग-अलग काम कर रहे हैं." यह भी पढ़ें- महागठबंधन के साथ JDU आने की पहल करेगा तो विचार करने को तैयार: राबड़ी देवी

इधर, सोमवार को राजद ने मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों मौत और कानून-व्यवस्था के खिलाफ सरकार के विरुद्घ राज्यव्यापी धरना आयोजित किया. पटना में राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के नेतृत्व में इस धरना कार्यक्रम में पार्टी के तमाम नेता मौजूद रहे, परंतु महागठबंधन में शामिल अन्य दल के नेता नहीं दिखे. इस पर मांझी ने कहा कि बिहार में गिरती कानून-व्यवस्था, चमकी बुखार को लेकर सरकार द्वारा कारगर कदम नहीं उठाए जाने के खिलाफ वह 26 जून को महाधरना का आयोजन करेंगे.

धरना कार्यक्रम में महागठबंधन के अन्य दलों की अनुपस्थिति के बारे में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सभी दलों के अपने-अपने कार्यक्रम होते हैं. उन्होंने महागठबंधन में 'गांठ' जैसे मुद्दे पर साफ तौर पर कुछ भी नहीं बोला. उन्होंने कहा, "महागठबंधन में शामिल सभी दलों की विचारधारा एक है, जिस कारण महागठबंधन बना. चुनाव के बाद सभी दल अपने कार्यक्रमों के जरिए पार्टी विस्तार में लगे हैं."

कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के महागठबंधन में 'अपनी डफली अपना राग' के बयान पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहते हैं. उन्होंने कहा, "मांझी जी की यह अपनी राय हो सकती है. मांझी जी महागठबंधन के वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें ऐसा महसूस हुआ होगा. यह बात जब महागठबंधन की बैठक में सामने आएगी तब कुछ कहा जाएगा." हालांकि कांग्रेस के कई नेता पूर्व में ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि महागठबंधन में टिकट बंटवारे के कारण कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा. यह भी पढ़ें- बिहार: जीतन राम मांझी के बदले सुर, कहा- तेजस्वी यादव RJD के नेता, महागठबंधन के नहीं

बिहार विधानसभा में कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह गठबंधन से अलग होकर कांग्रेस को चुनाव में अकेले उतरने की सलाह दे चुके हैं. उन्होंने कहा है, "पार्टी को वैशाखी से उबरना होगा। अपनी जमीन तो मजबूत करनी ही होगी." लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर नाइंसाफी के विषय में सिंह कहते हैं, "महागठबंधन में कमियां तो थीं ही। कांग्रेस को कम सीटें मिली हैं. समझौता समय के पूर्व नहीं हो पाया."

बहरहाल, राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंंश प्रससाद सिंह भाजपा को पछाड़ने के लिए भले ही सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ आने की अपील कर रहे हैं, परंतु उससे पहले बिहार में बने महागठबंधन में पड़ रही 'गांठ' को ही पहले बचाने की जरूरत महसूस की जाने लगी है.