नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) के 10 बैंकों के विलय (Merger) की घोषणा की है. इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, कैनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे. सीतारमण ने बैंकों के विलय के बाद मौजूदा स्थिति में सुधार होने की बात कहीं है. साथ ही दावा किया है कि इससे बड़े बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. हालांकि सीतारमण ने इस दौरान कहा कि बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार किसी भी तरह से दखलंदाजी नहीं करेगी.
केंद्रीय मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है. साल 2019-20 की पहली तिमाही में कुल 14 बैंकों ने मुनाफा कमाया है. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया है.
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान बताया कि 250 करोड़ से ज्यादा के लोन पर नजर रखी जाएगी. इसके साथ ही कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी रहेगी. वहीं नीरव मोदी जैसे मामले रोकने को लेकर खास सतर्कता बरतने की बात भी निर्मला सीतारमण ने की है.
इन बैंकों के साथ होगा विलय-
- पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी. इस विलय से देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा.
- कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय होगा और इससे 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा
- यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक के विलय से बनेगा देश का 5वां बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक जिसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये को होगा
- इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बनेगा
इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी. यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ. इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया है.